POK में फट पड़ा गुस्सा, हजारों लोग सड़कों पर कर रहे प्रदर्शन, पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत?

पीओके में आमने-सामने आए लोग और सुरक्षाबल

मुजफ्फराबाद । पाकिस्तान में बगावत के सुर लगातार तेज हो रहे हैं। एक तरफ जहां बलूच लड़ाके पाकिस्तानी सेना की नाक में दम किए हुए हैं, वहीं अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी बगावत भडक़ गई है और हजारों लोग शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ सडक़ों पर उतर आए हैं। वहीं हालात को देखते हुए पाकिस्तान की सरकार ने पीओक में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी है। सुरक्षाबल विभिन्न शहरों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।

पीओके में एक नागरिक समूह अवामी एक्शन कमेटी ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया है। इसके तहत सभी बाजार और परिवहन बंद रखे गए हैं। समूह ने 38 बिंदु वाला एक चार्टर जारी किया है, जिसमें पीओके के प्रशासन में ढांचागत सुधार की मांग की गई है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पीओके विधानसभा में जो 12 सीटें कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं, उन्हें खत्म किया जाए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे प्रशासन में उनका प्रतिनिधित्व कमजोर होता है। साथ ही मंगला हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से सस्ती बिजली देने की भी मांग की गई है। साथ ही पाकिस्तान सरकार ने जो वादे किए हैं, उन्हें भी पूरा करने की मांग की गई है। अवामी एक्शन कमेटी के शीर्ष नेता शौकत नवाज मीर ने कहा कि हमारा प्रदर्शन किसी संस्था के खिलाफ नहीं है बल्कि अपने बुनियादी अधिकारों की मांग को लेकर है। बीते 70 वर्षों में हमें बुनियादी अधिकार नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब बहुत हुआ, या तो हमें अधिकार दें या फिर जनता का गुस्सा झेलने के लिए तैयार रहें।

सख्ती कर रही पाकिस्तान सरकार
वहीं पाकिस्तान की सरकार प्रदर्शनकारियों पर सख्ती बरत रही है और इस विरोध प्रदर्शन को सख्ती से कुचलना चाहती है। पाकिस्तान ने पीओके में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी है। बड़ी संख्या में पंजाब से सैनिकों को पीओके में भेजा गया है। विभिन्न इलाकों में सुरक्षाबल फ्लैग मार्च कर रहे हैं और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। सुलह के लिए पाकिस्तान सरकार, पीओके प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच करीब 13 घंटे लंबी बैठक हुई। हालांकि इस बैठक में सहमति नहीं बन पाई। हालात को देखते हुए मुजफ्फराबाद के व्यापारियों ने रविवार को दुकानें खुली रखीं ताकि लोग अपने-अपने घरों में राशन का स्टॉक रख सकें। इससे माना जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन लंबे खिंच सकते हैं। जगह-जगह लोग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। फिलहाल शांति है, लेकिन हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

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