शक्ति अभियान को ठेंगा दिखा रही पुलिस : लक्ष्मी काण्ड को लेकर उठी आवाज, दरिन्दो को मिले सख्त से सख्त सजा



अपहरण कर बस के नीचे फेंकी गई थी लक्ष्मी
सीतापुर। लक्ष्मी काण्ड का आज तीसरा दिन बीत रहा है लेकिन कोतवाली पुलिस अपनी जांच ही पूरी नही कर पाई। लक्ष्मी का अपहरण और कत्ल करने वाले फरार है और वह क्या योजना बना रहे है इसकी जानकारी किसी को नही है। कोतवाली पुलिस ने तत्काल की गर्म स्थित को शांत करने के लिये धारा 366 व 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर लक्ष्मी कत्ल को लेकर भड़की आग को बुझा दिया लेकिन मामला वैसे का वैसा ही है।

बताते चलें कि लक्ष्मी पुत्री वीरेन्द्र निवासी ग्राम पिपरझला थाना मितौली जनपद लखीमपुर खीरी से अपने एक रिश्तेदार के साथ सीतापुर दवा लेने आई थी। इसकी जानकारी किसी तरह से गांव के निवासी अकंुल शुक्ला उर्फ शालू निवासी शिव प्रकाश हो गई। अंकुल ने अपने साथी की मदद से घेराबन्दी कर जाल बिछाया इस जाल से लक्ष्मी का रिश्तेदार व स्वयं मृतका लक्ष्मी अंजाम रही। एक खडयन्त्र के तहत लक्ष्मी को हरदोई चुंगी से अपहरण कर लिया। लक्ष्मी अपनी जान बचाने के लिये चिल्लाने लगी तो पीछे बैठे अंकुल के साथी ने लक्ष्मी का मुंह दाब दिया जिससे वह चिल्ला भी नही सकी। लक्ष्मी छटपटा रही थी हर पल वह अपनी सुरक्षा को लेकर फरियाद कर रही थी लेकिन उसकी फरियाद वाहन की तेज रफ्तार में दब गयी। उसके रामकोट इलाके की कटीली चौकी के पास अपहरण कर्ताओं ने देखा कि पीछे से रोडवेज बस आ रही है मौका अच्छा समझकर अंकुल व उसके साथी ने लक्ष्मी को ऐसा जुगाड़ लगाकर धक्का दिया कि लक्ष्मी रोडवेज बस के नीचे आ गयी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। इस घटना को तीन दिन बीत गए हैं पी अभी तक आरोपी अंकुल व उसका साथी फरार है। कोतवाली पुलिस का दावा है कि लक्ष्मी काण्ड के मामले की जांच चल रही है। जब पूछा गया कि तीन हो गये है जांच कहां तक पहुंची है तो पुलिस का जवाब है मामला गम्भीर है इस कारण हर एग्गिल से जांच कर तीन दिनों से तत्यों को समेटा जा रहा है जबकि सब कुछ साफ है और लक्ष्मी का पोस्टमार्टम हो गया है तथा पीएम रिपोर्ट भी पुलिस के हाथों में पहुंच चुकी है।

बाक्स—क्या बोले शहर कोतवाल टीपी सिंह
सीतापुर। लक्ष्मी काण्ड को लेकर जब शहर कोतवाल टीपी सिंह से बात की गयी तो उन्होने बताया कि लक्ष्मी काण्ड में अलग अलग थानों पर दो मुकदमें दर्ज किये गये है। एक्सीडेण्ट सम्बन्धी मुकदमा रामकोट थाने पर दर्ज है जिसमें बस चालक को बंदी बना लिया गया है और दूसरा अपहरण व गैर इरादतन हत्या का मुकदमा कोतवाली थाने पर दर्ज है उसमें जांच चल रही है। जांच में जो भी तत्य सामने आयेगें उसी को आधार मानकर कार्यवाही की जायेगी।

बाक्स–नौ दिन चले अढ़ाई कोस
सीतापुर। लक्ष्मी काण्ड से लगी आग को तो कोतवाली पुलिस ने अपने दिमांग और सूझ बूझ की बतौलत शंात कर दिया। मृतका पक्ष द्वारा दी गयी तहरीर पर केस भी दर्ज कर लिया। 21 नवम्बर से समाचार लिखे जाने तक पुलिस जांच में जुटी थी पुलिस बता रही है कि बडी मेहनत और सक्रियता के साथ जांच की जा रही है। समझ में यह नही आ रहा है कि पिछले तीन दिनों से पुलिस जांच में जुटी है अभी तक कोई नतीजा सामने नही आया है। केस की स्थित वही है जो दो दिन पहले थी। आखिर यह जांच कैसी है अगर पुलिस इसी तरह से जांच करती रही तो पीडि़त पक्ष व उसके समर्थक पुलिस की जांच की जांच करवाने की मांग उठाने की योजना बना रहे है ऐसे हालातों में पुलिस को निष्पक्ष जांच की स्पीड बढ़ानी होगी क्योकि कछुआ चाल हो रही जांच पीडि़त पक्ष को परेशान और चिन्तित कर रही है। 

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