
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान के इंटरव्यू के बाद देश में उठे सवालों के मद्देनजर एक बार फिर से ऑपरेशन सिंदूर की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर बल दिया है। खरगे ने कहा कि करगिल की तरह इस मामले की स्वतंत्र जांच समिति बननी चाहिए ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके और देश की जनता को जानकारी मिल सके।
मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा- ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा हो
खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि सीडीएस के इंटरव्यू के बाद कई अहम सवाल उठे हैं, जिनके जवाब जरूरी हैं। उन्होंने सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की और आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को गुमराह कर रही है, सेना की वीरता का श्रेय खुद ले रही है।
खरगे ने कहा कि करगिल की तरह एक स्वतंत्र समिति बनाकर ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि सेना कितनी तैयार थी, कितना नुकसान हुआ, और इसमें कौन-कौन से तथ्य शामिल हैं।
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा युद्ध विराम की फिर से पुष्टि करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह शिमला समझौते का उल्लंघन है और इसकी भी जांच होनी चाहिए।
खरगे ने सवाल किया, ” क्या भारत और पाकिस्तान फिर से एक हो गए हैं? संघर्ष विराम की शर्तें क्या हैं?”
तृणमूल कांग्रेस नेता सागरिका घोष ने भी इस मसले पर सरकार से सवाल किए और कहा कि देश के नागरिकों को इन बातों की जानकारी क्यों नहीं दी जा रही। उन्होंने जून में संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की।
राहुल गांधी ने भी ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर की पारदर्शिता के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का समर्थन किया। राहुल गांधी ने सरकार से आतंकियों के पकड़े जाने और ऑपरेशन की सफलता से जुड़े सवाल भी पूछे।
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को जानकारी दी, जिससे भारतीय सेना को नुकसान पहुंचा। सांसद इमरान मसूद और शशि थरूर ने भी इस मामले में सवाल उठाए।
पाकिस्तान और भारतीय वायुसेना से जुड़ी जानकारी
पाकिस्तान ने भारत के छह विमानों को गिराने का दावा किया था, लेकिन जब सबूत मांगे गए तो पाकिस्तान के मंत्री ने सोशल मीडिया पर ही सबूत दिखाने की बात कही। भारत ने इन दावों को खारिज किया और स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का दावा झूठा है, और संघर्ष के दौरान भारत ने अपनी रणनीति बदली।
सीडीएस के बयान से सियासी घमासान
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा था कि उनके लिए महत्वपूर्ण यह नहीं था कि पाकिस्तान कितने विमान गिराए, बल्कि यह है कि वे कैसे गिराए गए। भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के अंदर 300 किलोमीटर तक हमले करने में सक्षम थी, और दो दिन बाद सेना ने करारा जवाब दिया।
मल्लिकार्जुन खरगे, विपक्षी नेता, और नागरिक संगठनों का मानना है कि इस मामले की स्वतंत्र, निष्पक्ष जांच से ही सच्चाई सामने आएगी। विपक्ष का कहना है कि देश के 140 करोड़ नागरिकों का हक है कि वे जानें कि क्या हुआ और किस तरह का निर्णय लिया गया।
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार देश को गुमराह कर रही है और सेना की बहादुरी का श्रेय अपने नाम करने की कोशिश कर रही है। विपक्ष ने इस मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने और पूर्ण पारदर्शिता की मांग की है।
यह भी पढ़े : ‘सबूत’ मांगने पर भड़के आचार्य प्रमोद कृष्णम, बोले- ‘PAK से राहुल गांधी चुनाव लड़ें तो बहुमत से जीतेंगे’