महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासी घमासान अब भी जारी है। दोनों ही पार्टियों की तरफ से लगातार जमकर बयानबाजी भी हो रही है। इस बीच शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने आज (रविवार) यह दावा किया है कि शिवसेना को 170 से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विधायकों द्वारा पार्टी को दिया जा रहा समर्थन का यह आंकड़ा 175 तक भी पहुंच सकता है।
Shiv Sena leader Sanjay Raut: We have more than 170 MLAs supporting us, the figure can even reach 175. #MaharashtraAssemblyPolls pic.twitter.com/QJkNuiV9kk
— ANI (@ANI) November 3, 2019
बता दें कि शिवसेना के पास 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक दर्जन से भी ज्यादा निर्दलीय विधायकों ने जीत हासिल की है। ऐसे में यदि शिवसेना निर्दलीय विधायकों समेत इन सभी पार्टियों का समर्थन प्राप्त करती है तो यह आंकड़ा 175 के आस-पास पहुंच सकता है। जिसके बाद शिवसेना अपनी गठबंधन सरकार बनाने में सफल हो सकती है।
शिवसेना का होगा मुख्यमंत्री : NCP
NCP ने शिवसेना की तरफ से प्रदेश मुख्यमंत्री बनने की संभावना जताई है। NCP नेता नवाब मलिक ने कहा कि यदि शिवसेना कहती है कि उनकी पार्टी से ही मुख्यमंत्री बनेगा तो यह बिल्कुल संभव है। नवाब ने शिवसेना को अपनी भूमिका स्पष्ठ करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि यदि शिवसेना अपनी भूमिका साफ करती है तो हम भी अपनी भूमिका स्पष्ट कर देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल महाराष्ट्र की जनता द्वारा NCP को विपक्ष में बैठने के लिए चुना गया है, जिसके लिए हमारी पार्टी पूरी तरह से तैयार है।
सरकार के गठन का आधार आपसी सहमति : शिवसेना
शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियां प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाती। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है। शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि ‘सरकार का गठन पार्टियों के बीच पहले बनी सहमति के आधार पर होना चाहिए। न कि इस आधार पर कि सबसे बड़ा एकल दल कौनसा है।’
वहीं इससे पहले सीएम फडणवीस ने भी बताया था कि ‘शिवसेना 5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद चाहती है, लेकिन मांगना और प्रैक्टिकल होना दो अलग बातें हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर कभी कोई 50-50 फॉर्मूला तय नहीं हुआ।’ बता दें कि प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को पूरा होने जा रहा है।