महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भाजपा ने परोक्ष रूप से शिवसेना को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह जनादेश का अपमान है। भाजपा स्थितियों पर नजर बनाए हुए है। समय आने पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास वर्षा में भाजपा कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल समेत पार्टी के आला नेता मौजूद थे। बैठक के उपरांत पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि किसी की जिद्द के आगे जनमत की पराजय हुई है। राज्य की जनता ने महायुति को स्पष्ट जनादेश दिया था। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना, राज्य की जनता का अपमान है। मुनगंटीवार ने कहा कि उचित समय आने पर भाजपा अपनी भूमिका स्पष्ट करेगी। मौजूदा हालात पर भाजपा वेट एण्ड वाच की स्थिति में है। पार्टी हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य संकट में है। किसानों की समस्या विकट बनी हुई है। इस हालात में किसी की जिद्द के कारण बहुमत होने के बावजूद भी सरकार नहीं बन सकी।
इधर भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनाने के लिए वे सहयोग करेंगे। पार्टी ने उन पर जिम्मेदारी सौंपी है। राणे ने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाकर शिवसेना उलझ गई है। दो प्रवाह कभी एक साथ नहीं रह सकते। कांग्रेस-एनसीपी ने उद्धव ठाकरे को धोखे में रखा है। कांग्रेस-एनसीपी की आज की बैठक में शिवसेना को तरजीह नहीं दी गई। कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाना शिवसेना की अपरिपक्व राजनीति का उदाहरण है। राज्य में केवल भाजपा की सरकार बनेगी।
उन्होंने शिवसेना पर भी जमकर हमला बोला. नारायण राणे ने कहा शिवसेना ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया. उसे बेवकूफ बनाया जा रहा है. बीजेपी नेता ने कहा कि साम, दंड, भेद शिवसेना ने ही सिखाया है. नारायण राणे 145 विधायकों की बात तो कर रहे हैं, लेकिन वो ये विधायक कहां से लाएंगे इसकी जानकारी उन्हें ही होगी. क्योंकि बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और ऐसे में उसे 40 और विधायकों की जरूरत होगी.
हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने नारायण राणे के बयान को उनकी व्यक्तिगत राय करार दी. मुनगंटीवार ने स्पष्ट किया कि सरकार के गठन की जिम्मेदारी दिए जाने के संबंध में नारायण राणे का बयान उनकी व्यक्तिगत राय है.
नारायण राणे की एंट्री के साथ ही उनके बेटे नितेश राणे ने ट्वीट किया है. उन्होंने अपने पिता की तस्वीर को ट्वीट करते हुए उसका कैप्शन दिया है कि अब आएगा मजा…
Ab ayega maza 😎😎 pic.twitter.com/xIcaVa7mi3
— nitesh rane ( Modi ka Parivar ) (@NiteshNRane) November 12, 2019
एनसीपी विधायकों की बैठक आज
मुंबई । महाराष्ट्र में किसी पार्टी की सरकार स्थापित नहीं हो सकी पर सियासी हलचलें तेज हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। यह बैठक मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में सुबह दस बजे होगी। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है।
मंगलवार को दिनभर चली बैठकों के बाद भी सरकार गठन को लेकर कांग्रेस-एनसीपी के नेता ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सके। एनसीपी मुखिया शरद पवार और कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी में सहमति बनने के बाद शिवसेना से बातचीत का दौर शुरू होगा। इस बीच भाजपा सांसद नारायण राणे ने यह कहकर सियासी हलचल मचा दी है कि राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी। भाजपा जल्द 145 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। भाजपा की सरकार बनाने में वे सर्वोपरि सहयोग करेंगे। इधर शिवसेना के मुखपत्र सामना में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर भाजपा पर तीखे तंज कसे गए हैं। विधायकों की खरीद फरोख्त की संभावना सामना में जताई गई है।
इस सियासी खींचतान के बीच एनसीपी विधायकों की बैठक वाईबी चव्हाण सेंटर में होने जा रही है। पार्टी प्रमुख शरद पवार, प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल और पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक सहित तमाम प्रमुख नेता इस बैठक में उपस्थित रहेंगे। संभावना जताई जा रही है कि विधायकों को संयम बनाए रखने और पार्टी के प्रति वफादार रहने का गुरुमंत्र दिया जाएगा। इधर कांग्रेस के विधायक बुधवार को जयपुर से मुंबई के लिए वापसी करेंगे।
कांग्रेस-एनसीपी ने कहा, हमें सरकार बनाने की कोई जल्दबाजी नहीं.
एनसीपी मुखिया शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि अब बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई है। कांग्रेस-एनसीपी में सहमति बनने के बाद शिवसेना के साथ बातचीत की जाएगी। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद हमारे पास बहुत समय है। हमें कोई जल्दबाजी नहीं है। राज्य को स्थाई सरकार मिले, इसलिए सभी पहलुओं पर बातचीत करके निर्णय लिया जाएगा।
कांग्रेस-एनसीपी नेताओं की बैठक मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में आयोजित की गई थी। इस बैठक में दिल्ली से आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और वेणुगोपाल सहित कांग्रेस के अन्य नेता शामिल थे। बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अब जल्दबाजी नहीं है। साझा कार्यक्रम हो या अन्य मसले, सभी पहलुओं पर बातचीत करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस-एनसीपी में सहमति बनने के बाद शिवसेना से बातचीत की जाएगी।
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की कड़ी आलोचना करता हूं। पिछले पांच साल में भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के किसी दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया है। भाजपा सरकार मनमानी करती रही है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करके लोकतंत्र का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है। पटेल ने कहा कि राज्यपाल ने पहले भाजपा को फिर शिवसेना को और एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया लेकिन कांग्रेस को कहीं भी आमंत्रण नहीं दिया गया।
अहमद पटेल ने कहा कि हम शिवसेना के साथ गठबंधन करने जा रहे हैं। लिहाजा कुछ बातों की स्पष्टता जरूरी है। शिवसेना ने अधिकृत रूप से सोमवार को हमसे संपर्क किया। शिवसेना ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था। कांग्रेस-एनसीपी ने एकसाथ चुनाव लड़ा। पहले कांग्रेस-एनसीपी के साथ फैसला हो जाए, इसके बाद शिवसेना से बातचीत होगी। हम कोशिश करेंगे कि शिवसेना के साथ जल्द बातचीत हो। कुछ मामलों में लेकर कांग्रेस एनसीपी को बीच स्पष्टीकरण हो जाए। इसके बाद शिवसेना से बातचीत होगी।
राष्ट्रपति शासन लागू होना दुर्भाग्यपूर्ण : फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। फडणवीस ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है लेकिन राज्य में सरकार नहीं बनी सकी।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस के मुताबिक हम उम्मीद करते हैं कि राज्य को जल्द ही एक स्थिर सरकार मिलेगी। विधानसभा चुनावों में महायुति को जनता का स्पष्ट जनादेश मिला था। हालांकि राज्य में सरकार नहीं बन सकी। हमें राष्ट्रपति शासन का सामना करना पड़ा है। राज्य में कई समस्याएं हैं। इन सबसे ऊपर बेमौसम बारिश के कारण हमारे किसान मुश्किलों में है।
फडणवीस के अनुसार राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य में निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होंगे और इससे जनता को असुविधा होगी। मुझे उम्मीद है सभी दल इस स्थिति को गंभीरता से लेंगे और उम्मीद है जल्द राज्य को एक स्थिर सरकार मिलेगी।