वाराणसी में लगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के पोस्टर, सियासी सरगर्मियां बढ़ी  

वाराणसी: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के अवतरण ने सूबे में भाजपा की चिंताएं बढ़ाने का काम किया है. वहीं, जारी विधानसभा चुनाव के बीच वाराणसी में लगे केसीआर के पोस्टर कुछ और ही इशारा कर रहे हैं. जिसको लेकर अब यहां सियासी सरगर्मियां बढ़ गई है. दरअसल, बनारस के सिगरा, चंदवा सट्टी और चौकाघाट समेत कुछ इलाकों में केसीआर को जन्मदिन की बधाई देने के लिए होर्डिंग लगाए गए हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है और वो भी तब जब सूबे में विधानसभा चुनाव जारी है. ऐसे में इन पोस्टरों व होर्डिंग के पीछे का मकसद क्या है, यह तो फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है. पर यूपी में केसीआर के लगाए गए होर्डिंग निश्चित तौर पर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले महागठबंधन के एक बड़े चेहरे को पेश करने की प्लानिंग मानी जा सकती है.

ऐसा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केसीआर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. हाल ही में उन्होंने दिल्ली के किले में सेंधमारी की बात भी कही गई थी और लगातार ममता बनर्जी के अलावा अन्य कई विपक्ष के बड़े नेता केसीआर के साथ मुलाकात करते हुए 2024 की तैयारियों को मजबूत करने की प्लानिंग भी कर रहे हैं.वहीं, वाराणसी के रहने वाले मृत्युंजय मिश्रा की तरफ से बनारस के अलग-अलग इलाकों में नगर निगम के यूनीपोल पर यह होर्डिंग लगाए गए हैं. मृत्युंजय मिश्रा वाराणसी के ककरमत्ता इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं और उनकी कर्मभूमि हैदराबाद बताई जा रही है. मृत्युंजय मिश्रा की तरफ से बनारस के अलग-अलग इलाके में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें देश का नेता केसीआर कहा गया है.

केसीआर को देश का नेता बताते हुए एक नए पॉलिटिकल एंगल से इस पूरे मामले को उठाना निश्चित तौर पर विधानसभा चुनावों के दौरान यूपी में सरगर्मी बढ़ाने के लिए काफी है. भले ही केसीआर की पार्टी उत्तर प्रदेश या अन्य जगहों पर अभी चुनाव नहीं लड़ रही हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में केसीआर की इस होर्डिंग ने देश की राजनीति का पारा भी चढ़ाने का काम किया है. इसकी बड़ी वजह यह मानी जा सकती है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ बनाए गए महागठबंधन के सामने किसी प्रधानमंत्री पद के दावेदार का चेहरा न होना महागठबंधन को कमजोर करने का काम कर रहा था. लेकिन इस बार पहले से ही केसीआर को एक बड़े चेहरे के तौर पर महागठबंधन के नए फेस के साथ सामने लाने का यह प्रयास माना जा सकता है.

केसीआर का पोस्टर लगाने वाले मृत्युंजय मिश्रा बनारस के ककरमत्ता डीएलडब्लू रोड के रहने वाले हैं लेकिन उनकी परवरिश से लेकर उनकी पढ़ाई और प्रोफेशनल जिंदगी हैदराबाद से जुड़ी हुई है. मृत्युंजय मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि हैदराबाद में वह उस दौर में रहा करते थे जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अलग-अलग नहीं थे. तेलंगाना को लेकर जो संघर्ष था वह उन्होंने देखा तेलंगाना अलग होने के बाद उसके विकास से लेकर अन्य कार्यों में जिस तरह से केसीआर का समर्पण दिखाई देता था. यही वजह है कि वह उनसे सीधे जुड़ाव है. वैसे तो वह बनारस के रहने वाले हैं और किसी पॉलिटिकल पार्टी से नहीं जुड़े हैं लेकिन के चंद्रशेखर राव के कामों को देख कर वह काफी प्रभावित हैं.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें