कोरोना संक्रमण काल में प्रसूताओं के लिए मददगार बनी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना


प्रसूताओं को पौष्टिक खानपान के लिए मिलेंगे 5 हजार रुपये 

मैनपुरी – केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना कोरोना संक्रमण काल में भी गर्भवती महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रही है। पहली बार गर्भवती होने पर प्रसूताओं के पौष्टिक खानपान एवं स्वास्थ्य संबंधी देखभाल हेतु 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में दी जा रही है। योजना का लाभ लेने के लिए प्रथम बार गर्भवती हुई महिला का टीकाकरण कार्ड, गर्भवती महिला का आधारकार्ड, पति का आधार कार्ड, गर्भवती महिला का बैंक खाता एवं बच्चा होने का जन्म प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। योजना के शीघ्र लाभ के लिए गर्भ का पता चलते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पंजीकरण कराना एवं क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मी से संपर्क करना जरूरी है। जिला कार्यक्रम समन्वयक अंजली सिंह ने बताया कि प्रसूताओं को किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में पंजीकरण कराने के उपरांत प्रथम किश्त के रूप में 1 हजार रुपये एवं कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच होने के उपरांत द्वितीय किस्त की धनराशि 2 हजार रुपये एवं शिशु का जन्म पंजीकरण होने और प्रथम चक्र का टीकाकरण होने पर तृतीय किस्त के रूप में 2 हजार रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजे जाते हैं।

न दें बैंक से संबंधित जानकारी एवं सूचनाएं

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जी.पी. शुक्ला ने बताया कि योजना से सम्बंधित कोई भी प्रतिनिधि बनकर लाभार्थी से यदि फोन के माध्यम से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) अथवा गोपनीय सूचनाएं जैसे एकाउंट नंबर, सी.वी.सी. पिन मांगता है, तो किसी भी स्थिति में उक्त जानकारी ना दें। क्योंकि इस तरह की फर्जी कॉल के माध्यम से साइबर अपराधी आर्थिक नुकसान कर सकते हैं। इस तरह की कोई भी कॉल आती है तो ऐसी स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में तत्काल सूचित करें। जिससे उक्त फर्जी कॉलर के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।


डॉ. ए. के. पांडेय (सीएमओ)प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 1 जनवरी 2017 से आरंभ हुई। जिसमें अभी तक कुल 27821 महिला प्रसूताओं को को 10 करोड़ 62 लाख 53 हजार की धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से उनके खातों में भेजी गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020- 21 जो कि कोरोना संक्रमण काल भी रहा है, इसमें भी 2190 प्रसूताओं के बचत खातों में 97 लाख 48 हजार रुपये की धनराशि भेजी गयी है। यह योजना कोरोना काल में प्रसूताओं एवं उनके शिशु के स्वास्थ्य संबंधी देखभाल हेतु काफी मददगार साबित हुई है।

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