प्रयागराज: उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद समय से मुकदमा पत्रावलियों का नही किया जा रहा निस्तारण

  • तहसील के भिभिन्न पटल मे पड़ी फाइलो का समय सें नही हो रहा निस्तारण, धूल फाक रही है फ़ाइल

कोरांव, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला के अंतिम छोर स्थित तहसील कोरांव जो प्रयागराज मुख्यालय सें 80 किलोमीटर दूर पर स्थित है जहाँ ज्यादा तर गरीब तपके व काफी पिछड़ा क्षेत्र है शासन का सख्त निर्देश है की तहसील मे चाहे वह जिस कोर्ट मे मुकदमा फ़ाइल पेंडिग हो उसको समय सें न्यायोचित तरिके सें गुणवक्ता पूर्वक निस्तारण पक्ष कों सुनकर किया जाय लेकीन तहसील कोरांव मे हर पटल पर चाहे वह धारा 116,धारा 35(2), धारा 24,धारा 212, धारा 225(6),धारा 80,धारा 76 समेत अन्य कई धाराओं मे दाखिल मुकदमा का निस्तारण समय सें जिम्मेदार द्वारा नही किया जा रहा।

जबकि उपजिलाधिकारी कोरांव,न्यायीक उपजिलाधिकारी , नायब तहसीलदार, लगभग सभी कोर्ट मे काफी संख्या मे मुकदमा का फ़ाइल कई वर्षो सें दाखिल है लेकीन जिम्मेदार द्वारा समय सें सुनवाई करके निस्तारण नही किया जा रहा वही दूसरी तरफ माननीय उच्च न्यायालय का कई पत्रावलियो मे डायरेक्सन भी है की समय सीमा के भीतर निस्तारण किया जाय लेकीन उच्चन्यायालय के आदेश कों दर किनार करते हुये निस्तारण नही किया जा रहा।

जब वादकारी पुनः धन खर्च करके पूर्व मे पारित आदेश का पालन न होने की दुबारा रिट उच्चन्यायालय दाखिल करता है तब जाकर तहसील के आलाधिकारी संज्ञान लेते है तब तक वादकारी का काफी समय धन खर्चा हो चूका होता है न मालूम कितने ऐसे वादकारी है जिनका तहसील मे न्याय पाने के लिए चक्कर लगाते लगाते कई चप्पल जूता घिस गया लेकीन न्याय नही मिला धीरे धीरे विश्वाश लोगो का टूटता जा रहा कई वादकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की कई ऐसे अधिकारी ऐसे है जो बिना सुविधा शुल्क लिए निस्तारण समय सें उनके द्वारा नही किया जाता कभी कभार फ़ाइल तक गायब हो जाता है वादकारियो ने जिलाधिकारी प्रयागराज का ध्यान आकृस्ट कराते हुये लंबित वादों का निस्तारण समय सें गुणवक्ता पूर्वक कराने की करे।

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