President of India Election 2022 : जानिए भारत में कैसे होता है नए राष्ट्रपति का चुनाव ? जानिए पूरी प्रक्रिया

Presidential Election 2022 : निर्वाचन आयोग ने गुरुवार (9 जून 2022) को देश के प्रथम नागरिक भारत के राष्ट्रपति के चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि राष्ट्रपति चुनाव के के लिए अ आगामी 15 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी, जबकि 29 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन किया जाएगा। 

18 जुलाई को नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे जबकि 21 जुलाई चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही नए राष्ट्रपति का नाम सामने आ जाएगा। आपको बता दें कि देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया इससे पहले ही समाप्त होती है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति के चयन के लिए संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के निर्वाचक मंडल के सदस्य और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली व केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य मतदान करते हैं। 

निर्वाचक मंडल करता है राष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान

इस निर्वाचक मंडल में राज्यसभा या लोकसभा या विधानसभाओं के नामांकित सदस्य मतदान के योग्य नहीं होते हैं और वे चुनाव में भाग नहीं लेते हैं। इसी तरह विधान परिषदों के नामित सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं के तौर पर शामिल नहीं होते हैं। आपको बता दें कि साल 2017 में राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी।

निर्वाचक मंडल में उत्तर प्रदेश के विधायकों का वोट मूल्य सबसे अधिक

अगर संख्या के हिसाब से बात करें तो वर्तमान में राष्ट्रपति के चयन के लिए बने निर्वाचक मंडल में कुल 4,896 सदस्य हैं, जो राज्यसभा के 233 सांसद, लोकसभा के 543 सांसद और देश की सभी विधानसभाओं के 4120 विधायकों से मिलकर बना है। प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 निर्धारित है, जबकि राज्यों में एक विधायक के वोट का मूल्य सबसे अधिक 208 (यह राज्यवार अलग-अलग होता है और प्रत्येक राज्य की जनसंख्या के आधार पर निर्धारित किया जाता है।) देश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश के विधायकों के वोट का मूल्य (83,824) सबसे अधिक हैं। 

जीतने वाले उम्मीदवार को पाने होते हैं कम से कम 50 फीसदी वोट

राष्ट्रपति पद चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) के आधार पर होता है। हर वोट का मूल्य पूर्व निर्धारित होता है और इसका निर्धारण 1971 की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। निर्वाचक मंडल का कुल 4,896 सदस्यों के कुल वोट का मूल्य 10,98,903 है। अगर किसी उम्मीदवार को चुनाव जितना है तो कम से कम 50 फीसदी वोट चाहिए होंगे। हाल ही में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा विधानसभा चुनाव जितने के बाद इस चुनाव में फिलहाल के लिए भाजपा गठबंधन का ही पक्ष भारी लग रहा है। वहीं राज्यसभा में भाजपा के बहुमत न होने के चलते विपक्ष भी कड़ी टक्कर देने की स्थिति में है।

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