आगामी लोक सभा चुनाव से पहले यूपी का सियासी माहौल गरमा गया है. कल यानि शनिवार को माया-अखिलेश नेगठबंधन में शामिल न होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने अपनी रणनीति बनाई शुरू कर दी है। इसी के तहत रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की। इस बीच कांग्रेस के यूपी प्रभारी व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व भाजपा की सीधी लड़ाई है। हम यूपी की सभी 80 सीटों पर पूरी क्षमता के साथ चुनाव लड़ेंगे और परिणाम से सबको चौंका देंगे। प्रदेश के अन्य दलों के साथ आने पर उन्होंने कहा कि अगर कोई दल भाजपा को हराने में सक्षम है और हमारे साथ आना चाहता है तो हम उसका स्वागत करेंगे।
गुलाम नबी आजाद लखनऊ के कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को सम्बोधित कर रहे थे। जिसमें उन्होंने भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर रखा। उन्होंने कहा कि मोदी सवाल उठाते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया? हम उन्हें यही कहेंगे कि कांग्रेस ने ही महात्मा गांधी व पंडित नेहरू के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी। छोटी-छोटी रियासतों में बंटे देश का एकीकरण किया। देश को एक धर्मनिरपेक्ष संविधान दिया और देश के हर तबके की बेहतरी के लिए काम किया जबकि भाजपा ने अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए देश के सामाजिक तानेबाने को छिन्न-भिन्न कर दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव में किया गया अपना एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई। पांच साल में 10 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया लेकिन नोटबंदी व जीएसटी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए। मध्यम व छोटे उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए। काला धन लाकर लोगों को 15-15 लाख रुपये देने का वादा किया था जो कि अभी तक पूरा नहीं किया।
वहीं, ये पूछने पर कि सपा-बसपा गठबंधन ने अमेठी व रायबरेली में कोई प्रत्याशी न खड़ा करने का फैसला किया है तो क्या कांग्रेस जहां से मायावती व अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे वहां अपने प्रत्याशी उतारेगी… पर आजाद ने जवाब दिया कि अभी ये ही तय नहीं है कि अखिलेश व मायावती चुनाव लड़ेंगे या नहीं। जब होगा देखा जाएगा।
तीसरे मोर्चे के प्रधानमंत्री को समर्थन देने पर कही ये बात
गुलाम नबी आजाद ने तीसरे मोर्चे की संभावना व प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को समर्थन देने पर कहा कि हम अभी इस बहस में नहीं पड़ना चाहते हैं। जब चुनाव परिणाम आ जाएंगे तो प्रधानमंत्री का भी फैसला हो जाएगा।
ईवीएम पर शंका है और बनी रहेगी
मायावती के दिए हुए बयान कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी न हुई तो गठबंधन की भारी जीत होगी…। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ईवीएम पर शंका है और बनी रहेगी। हम एक डेलीगेशन लेकर चुनाव आयोग गए थे और आयोग से ईवीएम का परीक्षण करने की गुजारिश की थी लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई। इसलिए ईवीएम पर शंका बनी हुई है और बनी रहेगी।
भाजपा ने कई दलों को अभी दिया ट्रिपल तलाक…
क्या प्रधानमंत्री मोदी से डर के कारण गठबंधन किए जा रहे हैं पर आजाद ने जवाब दिया कि इस समय भाजपा खुद करीब 42 दलों के साथ गठबंधन में है और अभी कुछ दलों को इन लोगों ने ट्रिपल तलाक दिया है। इसलिए अफवाहें फैला रहे हैं।