थेरेपी के तहत रोगी के परिवार वालों को खिलाई जाएगी दवा
अभी तक पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को दी जाती थी दवा
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने की जिला स्वास्थ्य विभाग ने अनोखी पहल की है। जिले में पांच वर्ष तक के बच्चों को दी जाने वाली प्रीवेंटिव थेरेपी अब क्षय रोगियों के परिवार वालों को भी दी जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने बताया कि प्रीवेंटिव थेरेपी अब क्षय रोगियों के परिवार वालों को भी दी जाएगी। पोषण व भावनात्मक सहयोग उपलब्ध करा रही संस्थाओं के प्रयास सकारात्मक होते भी दिख रहे हैं। क्षय रोगियों के उपचार के साथ ही उनके पोषण में भी सहयोग आवश्यक है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सामाजिक संगठनों, आमजन, निजी चिकित्सकों तथा अन्य लोगों को समन्वित रूप से आगे आना होगा।
होगा इंग्रा व मोंटू टेस्ट :
डीटीओ डा.राय ने बताया कि टीबी रोगियों के परिजनों व सम्पर्क में आने वालों का इंग्रा व मोंटू टैस्ट भी कराया जाएगा। जांच में किसी व्यक्ति में टीबी लक्षण दिखाई देंगे तो संबंधित का भी उपचार विभाग की ओर से किया जाएगा। जिला समनन्यक नेहा सक्सेना ने बताया, प्रीवेंटिव थेरेपी के लिए परिवार के लोगों की पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। जांच के बाद डॉट सेंटर द्वारा ही प्रीवेंटिव दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। डॉट सेंटर दवा को लेकर पूरी मॉनिटरिंग और रिपोर्ट जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में देंगे।
स्टाफ की हो रही स्क्रीनिंग :
टीबी को समाप्त करने के लिये जिला क्षय रोग विभाग के 150 अधिकारी – कर्मचारी जुटे हुए हैं। प्रीवेंटिव थेरेपी सभी की स्क्रीनिंग की जा रही है। यदि किसी में टीबी के लक्षण मिले तो छह माह तक थेरेपी दी जाएगी। दरअसल क्षय रोग विभाग का स्टाफ क्षय रोगियों के संपर्क में रहता है, इसलिये स्टाफ को प्रीवेंटिव थेरेपी देने के लिये प्रक्रिया पूरी की जा रही है।