वृंदावन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी 12 फरवरी 2019 को अक्षय पात्र फाउंडेशन में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए वृंदावन आए थे, लेकिन प्रधानमंत्री रहते इसके पहले वृंदावन कभी नहीं आए। प्रधानमंत्री रहने से पहले नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जब 22 अक्टूबर 2010 में वात्सल्य ग्राम में वरिष्ठ पत्रकार भानु प्रताप शुक्ल शहीद संग्रहालय का उद्घाटन करने के लिए आए थे।
23 नवंबर को दर्शन करने आ रहे पीएम
ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने 23 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय से अब तक मिनट टू मिनट कार्यक्रम नहीं आया, लेकिन प्रधानमंत्री के रात्रि में मथुरा में ही प्रवास करने की जानकारी मिल रही है। मथुरा में आयोजित ब्रज रज उत्सव में शामिल होने के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन को भी आएंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर ही नहीं आसपास के इलाके को अभेद सुरक्षा चक्र में बदल दिया जाएगा और इस दिन लाखों श्रद्धालुओं को तीन वन की परिक्रमा करने की मंशा मन में ही दबी रह जाएगी।
श्रद्धालुओं के कदमों को रोक सकता है कार्यक्रम
ठाकुर बांके बिहारी की नगरी में भीड़ को नियंत्रित कर पाना तो प्रशासन के बस की बात नहीं रही, लेकिन कार्तिक महीने की देवोत्थान एकादशी को देशभर के लाखों श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन-छटीकरा तीन वन की परिक्रमा करते हैं। ये परिक्रमा रात में ही शुरू होगी और दिनभर श्रद्धालुओं का हुजूम पूरे परिक्रमा मार्ग ही नहीं ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए मंदिर में भी देखा जाएगा। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का कार्यक्रम श्रद्धालुओं के कदमों को रोक देगा। तो देवोत्थान एकादशी जैसे पावन पर्व पर आस्था पर गहरा प्रहार होगा।
श्रद्धालुओं की एंट्री होगी प्रतिबंधित
प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर ही नहीं परिक्रमा मार्ग में भी श्रद्धालुओं की एंट्री प्रतिबंधित करनी होगी, जिससे तीन वन की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु परिक्रमा नहीं कर पाएंगे और साल भर तक इस दिन परिक्रमा करने का संकल्प ले चुके लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जरूर कचोटेगी।