धूल चाट रहा है प्रधानमंत्री का डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम

रूपईडीहा/बहराइच। पूरे ताम झाम के साथ प्रधानमंत्री ने डिजिटल इण्डिया का सपना देखा था। उन्होने भीम ऐप, पेटीएम, नेट बैकिंग व गुगल पे प्रयोग करने के लिए देश वासियों को कहा था। परन्तु नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्रों मे बीएसएनएल का नेटर्वक लगभग धराशायी हो चुका है। जबकि प्रतिस्पर्धा के द्वारा  इस क्षेत्र की निजी कम्पनियां उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाए देने का वादा करती है। भारत संचार निगम अपने उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाए नही दे पा रहा है। नेटर्वक सुस्त होने के कारण रूपईडीहा के महत्वपूर्ण सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को इसका दंश झेलना पड़ रहा है।

जबकि नेपाल सीमा से सटे इस महत्वपूर्ण कस्बे मे प्लांट क्वारेंटाइन, एसएसबी, पुलिस स्टेशन, पोस्ट आफिस, वन विभाग, इमीग्रेशन, कस्टम, 05 बैंकों की शाखाए, रोडवेज बस स्टैण्ड, 05 महाविद्यालय, 10 इण्टर कालेज व रेलवे स्टेशन आदि के कार्यालय है। इण्टरनेट कनेक्टीविटी इन विभागों मे सिरदर्द बन गयी है। कभी नेट चलता है कभी बंद हो जाता है। बात करते करते नेटर्वक चला जाता है।

वर्तमान समय मे कोविड के चलते गरीबों को बैंकों मे प्राप्त होने वाली सहायता नही मिल पा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के वृद्ध व वृद्धाए बैंकों के चक्कर काटते रहते है। बैंक कर्मी इन्हे नेटर्वक न होने के कारण वापस कर देते है। दूर दराज के 04 से 05 किमी तक के लोग कनेक्टीविटी न होने कारण हाथ मलते हुए वापस लौट जाते है। यही नही कस्बे का आयात निर्यात बाधित हो जाता है। दो से तीन दिन तक माल लादे ट्रके खड़ी रहती है। कस्बे मे स्थित बीएसएनएल कार्यालय खुद अपनी हालत पर आसू बहा रहा है। यहां बीएसएनएल का कोई कर्मचारी नही है। बैट्रियां जर्जर हो चुकी है। वर्तमान समय मे कस्बे मे लगा बीएसएनएल का टावर आंधी के कारण झुक गया है। जिससे नेटर्वक बिलकुल ध्वस्त हो चुका है। इस संबंध मे जब नानपारा के इंचार्ज पंकज कुमार से बात करने की कोशिश की तो बार बार फोन करने पर भी उन्होने फोन नही उठाया।

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