जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सियासत गरमा गयी है. एक मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए PM मोदी पर निशाना साधा था. बताते चले पाकिस्तान के बालाकोट पर वायुसेना की कार्रवाई के सबूत मांगे जाने को लेकर विपक्ष की सियासत जारी है। अब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एयर स्ट्राइक को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर वायुसेना के हमले में आतंकियों के बारे जाने पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए।
मायावती ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह डंका पीट रहे हैं कि वायुसेना के हमले में 250 आतंकी मारे गये हैं जबकि क्रेडिट लेने के लिये हमेशा आतुर इनके गुरु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुये हैं क्यों? उन्होंने कहा कि आतंकी मौत के घाट उतारे गये अच्छी बात है, लेकिन प्रधानमंत्री की लम्बी चुप्पी का रहस्य क्या है?
बताते चले एक बड़ी खबर ये भी आ रही है कि दिल्ली पुलिस ने पुलवामा आतंकी हमले से संबंधित फेक ऑडियो क्लिप वायरल करने वाले आरोपी अवि डांडिया को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि अवि पर आरोप हैं कि उन्होंने एक ऑडियो क्लिप वायरल की थी, जिसमें दावा किया जा रहा था कि 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने ही कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कराया था।
यह है पूरा मामला
दरअसल अवि के फेक ऑडियो क्लिप के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह एक महिला से बात कर रहे हैं। इस क्लिप को सुनकर ऐसा लग रहा है कि पुलवामा हमले की साजिश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने रची है। बता दें कि अवि द्वारा पोस्ट की ऑडियो क्लिप की पड़ताल में सामने आया का यह फेक है। इस क्लिप को नेताओं के पुराने बयानों को जोड़-तोड़कर बनाया गया था। पड़ताल में सामने आया कि अलग अलग चैनलों या अलग-अलग वक्त पर दिए गए बयानों में से शॉट्स लेकर ऑडियो क्लिप बनाई गई है। इस ऑडियो क्लिप में एक महिला के सवालों पर राजनाथ और अमित शाह के बयानों को ऐसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था कि जैसे पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रची जा रही हो।
एक मार्च को सामने आई थी ऑडियो क्लिप: बता दें कि एक मार्च को अवि डांडिया ने अपने फेसबुक पेज पर यह ऑडियो क्लिप पोस्ट किया था। इसमें अवि ने कैप्शन लिखा था- क्या सच है सुनिए, अगर विश्वास न हो और देश की आवाम में दम हो तो पूछे उनसे, जिनकी आवाज है, जो सेना के नहीं, वे आवाम के क्या होंगे?