पुणे में एमआईटी स्कूल ने लड़कियों के इनरवियर कलर और स्कर्ट की लंबाई को लेकर अजीबोगरीब फरमान जारी किया है। स्कूल का कहना है कि लड़कियां केवल सफेद या स्किन कलर के इनरवियर ही पहनें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुणे : पुणे में एमआईटी स्कूल ने लड़कियों के लिए अजीब फरमान जारी किया है। यह फरमान उनके इनरवियर को लेकर जारी किया गया है। लड़कियों के लिए एक खास रंग के ही इनरवियर पहनने का फरमान जारी करते हुए स्कूल ने कहा है कि अगर किसी ने इसका पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टॉयलेट के इस्तेमाल को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं
इतना ही नहीं, टॉयलेट के इस्तेमाल को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि स्टूडेंट्स निर्धारित समय में ही टॉयलेट जा सकते हैं। जाहिर तौर पर स्कूल के इस अजीबोगरीब फरमान का छात्राओं और अभिभावकों ने विरोध किया और जब मामले ने तूल पकड़ा तो स्कूल ने सफाई देते हुए कहा कि इसके पीछे उसके इरादे ‘बेहद नेक’ हैं और इसका मकसद किसी भी छात्रा या उसके अभिभावक को परेशान करना नहीं है।
लड़कियों के लिए यह अजीबोगरीब फरमान पुणे के महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग एजुकेशन एवं रिसर्च (MAEER) से जुड़े MIT स्कूल ने जारी किया है और यह सबकुछ स्कूल डायरी में दर्ज है। इसके मुताबिक, लड़कियों को सिर्फ सफेद या स्किन कलर के इनरवियर ही पहनने की अनुमति होगी और इसकी अवहेलना पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
Parents of students of Maeer's MIT School,Pune stage protest over school's diktat for girl students to wear innerwear of specific colour, say,"They're asking us to sign the diary which mentions this. Children are not even allowed to use toilet multiple times here." #Maharashtra pic.twitter.com/4ZYYc0nd0A
— ANI (@ANI) July 4, 2018
स्कूल ने अपने फरमान में यह भी तय किया है कि लड़कियों के स्कर्ट की लंबाई कितनी रहेगी। इतना ही नहीं, खुद को लैंगिक समानता की दृष्टि से संवेदनशील (जेंडर सेंसिटिव) बताने वाले स्कूल ने स्टूडेंट्स के वाशरूम इस्तेमाल करने पर भी कुछ पाबंदियां लगाई हैं। वाशरूम के इस्तेमाल को लेकर स्कूल ने समय तय किया है।
स्कूल ने यह अजीबोगरीब फरमान डायरी में दर्ज करते हुए इस पर अभिभावकों से साइन करने के लिए कहा है। एक अभिभावक के मुताबिक, ‘लड़कियों को या तो सफेद या फिर स्किन कलर के इनरवियर ही पहनने के लिए कहा गया है। उन्होंने लड़कियों के स्कर्ट की लंबाई का भी जिक्र किया है। स्कूल ने यह सबकुछ डायरी में दर्ज किया है और हमसे इस पर साइन करने के लिए कहा है।’
स्कूल ने साफ कहा है कि यदि किसी ने इसका अनुपालन नहीं किया तो ऐसे अभिभावकों और स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब स्कूल ने कहा है कि उसके इरादे ‘नेक’ हैं और पहले की कुछ घटनाओं को देखते हुए ही यह निर्णय लिया गया है।
"The intention to give such specific directives in the school diary was very pure.We had some experiences in the past which made us take this decision. We didn't have any hidden agenda," Dr. Suchitra Karad Nagare, Executive director of MIT Group of Institute #Maharashtra pic.twitter.com/6wSHn65cZ9
— ANI (@ANI) July 4, 2018
MIT ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट की एग्जक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर सुचित्रा कारद नागरे के मुताबिक, ‘स्कूल डायरी में दिए गए निर्देशों के पीछे हमारे इरादे बेहद नेक हैं। हमने पहले के कुछ नकारात्मक अनुभवों की वजह से ये फैसले लिए। हमारा कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है।’
देखे VIDEO