SYL नहर पर पंजाब की दो टूक : CM मान बोले- पानी की एक बूंद भी नहीं दे सकते

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और राजस्थान को पानी देने की मांग की जा रही है, लेकिन पंजाब के पास खुद पर्याप्त पानी नहीं है। मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा, “क्या हम अरब सागर तक पानी छोड़ दें?”

पंजाब के पास पानी की कमी, केंद्र से की स्थायी समाधान की मांग

बुधवार को दिल्ली में संसद भवन में लोकसभा स्पीकर और अन्य सांसदों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में मान ने कहा कि पंजाब का किसी राज्य से झगड़ा नहीं है, लेकिन कोई उसकी जल संकट जैसी गंभीर स्थिति को समझ नहीं रहा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि चिनाब और उसकी सहायक नदियों का अतिरिक्त पानी पंजाब को उपलब्ध कराया जाए।

सिंधु जल संधि को लेकर ट्रंप पर तंज

मुख्यमंत्री मान ने कहा, “मैं रोज सुबह डोनाल्ड ट्रंप का सोशल मीडिया चेक करता हूं, कहीं वो सिंधु जल संधि को बहाल करने की बात न कर दें।” उन्होंने बताया कि सिंधु नदी का पानी पंजाब से होकर गुजरता है, और पंजाब के पास रणजीत सागर, पोंग और भाखड़ा जैसे बांधों के जरिए इसे रोकने की पूरी क्षमता है।

चिनाब का पानी ब्यास में मोड़ने का सुझाव

मान ने सुझाव दिया कि चिनाब नदी के पानी को रोहतांग सुरंग के जरिए ब्यास नदी में मोड़ा जाए, जिससे पंजाब की आवश्यकताएं पूरी हो सकें और शेष पानी हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की पेयजल जरूरतों के लिए उपयोग हो।

SYL नहर पर दो टूक – पंजाब में नहीं बची जमीन

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि SYL नहर के लिए पंजाब में जमीन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अब भावनात्मक और संवेदनशील बन चुका है, जो कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है।

पंजाब के 115 ब्लॉक जल संकट में

उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब के 153 में से 115 ब्लॉक भूजल की अत्यधिक निकासी के कारण जल संकट का सामना कर रहे हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि केंद्र पंजाब के जल संसाधनों की समीक्षा करे और कोई स्थायी समाधान निकाले।

यमुना जल बंटवारे में 60% हिस्सेदारी की मांग

मुख्यमंत्री मान ने यह भी मांग रखी कि शारदा-यमुना लिंक परियोजना को प्राथमिकता दी जाए और यमुना नदी के जल में पंजाब को 60% हिस्सेदारी मिले। उन्होंने 1972 की सिंचाई आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब को यमुना का रिपेरियन राज्य माना गया है।

मान का यह बयान केंद्र और अन्य राज्यों को यह स्पष्ट संदेश देता है कि पंजाब अब जल संकट के मुद्दे पर झुकने वाला नहीं है और अपना जल अधिकार पाने के लिए दबाव बनाता रहेगा।

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