श्रीलंका में हो रहे एशिया कप के मैच पर उठने लगे सवाल, जानिए क्या कहते क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी

एशिया कप में रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला एक बार फिर बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका। 10 सितंबर को शुरू हुआ मैच अब 11 सितंबर को रिजर्व डे पर खेला जाएगा। भारत ने 24.1 ओवर तक बैटिंग कर ली है, रिजर्व डे पर यहीं से मैच फिर खेला जाएगा। 11 के बाद 12 सितंबर को भारत-श्रीलंका के बीच मैच भी होगा। यानी भारत को लगातार 3 दिन क्रिकेट खेलना पड़ेगा।

एशिया कप में भारत ने अब तक तीन मैच खेले हैं और तीनों ही मैचों में बारिश की वजह से रुकावट हुई। ये तीनों ही मुकाबले श्रीलंका में हुए। श्रीलंका में बारिश के बीच हो रहा एशिया कप एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) मैनेजमेंट की पोल खोल रहा है।

बड़ा सवाल यह है कि अगर पहले से पता था कि सितंबर महीने में दूसरे सप्ताह के बाद श्रीलंका में बारिश बहुत होती है तो फिर वहां एशिया कप कराया ही क्यों जा रहा है? ये सवाल जब श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड से पूछा तो बोर्ड अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा था, ‘श्रीलंका में एशिया कप कराने का फैसला हमने नहीं लिया। ये फैसला एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का है, आपको उनसे ही सवाल पूछना चाहिए।’

यानी बोर्ड ने साफ तौर पर ACC को इस मिस-मैनेजमेंट के पीछे जिम्मेदार बताया है।

पाकिस्तान को मिली थी पूरे मैचों की मेजबानी

दरअसल, एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान को मिली थी। टूर्नामेंट के सभी 13 मैच पाकिस्तान में होने थे, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम को पाकिस्तान भेजने से मना कर दिया। इसके बाद ACC चीफ जय शाह ने PCB के साथ मीटिंग की और तय किया कि टूर्नामेंट के 4 मैच पाकिस्तान और 9 मैच श्रीलंका में होंगे।

पहले पाकिस्तान बोर्ड इससे सहमत नहीं था। वह पाकिस्तान में ही मैच कराना चाहता था। बाद में वह BCCI के दबाव में झुक गया। हालांकि, श्रीलंका की जगह UAE देश PCB की पसंद था।

कोलंबो ही क्यों चुना, दाम्बुला या हंबनटोटा क्यों नहीं चुना?

श्रीलंका के 5 शहरों में 7 इंटरनेशनल स्टेडियम हैं। कोलंबो में 3 और बाकी 4 शहरों में एक-एक स्टेडियम है। एशिया कप के 9 मैच कैंडी और कोलंबो शहर को मिले। गॉल, हंबनटोटा और दाम्बुला में मैच नहीं कराए गए। दाम्बुला सितंबर के दौरान श्रीलंका का सबसे सूखा एरिया रहता है, लेकिन श्रीलंका बोर्ड ने कहा कि यहां फ्लडलाइट्स मैच कराने लायक नहीं है।

गॉल शहर में बारिश का अनुमान था। हंबनटोटा का स्टेडियम जंगल के पास बना है। ब्रॉडकास्टर्स ने ट्रांसपोर्टेशन की शिकायत की थी। साथ ही यहां के होटल स्टेडियम से करीब 45 मिनट की दूरी पर है, ऐसे में खिलाड़ियों को भी आने-जाने में दिक्कतें होतीं। इस कारण कैंडी और कोलंबो शहर को फाइनल किया गया था, लेकिन इन दोनों ही शहरों में तेज बारिश के कारण मैचों में रुकावट हुई।

पूर्व PCB चीफ ने इसे ACC का मिस-मैनेजमेंट बताया

भारत और पाकिस्तान के बीच 2 सितंबर को कैंडी के मैदान पर मुकाबला बारिश के कारण बेनतीजा रहा था। मैच के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के पूर्व चीफ नजम सेठी ने कहा, ‘बारिश की संभावना होने के बावजूद उसी जगह भारत-पाक मैच कराया जाना निराशाजनक है। PCB चेयरमैन के रूप में मैंने एशिया कप को UAE में कराने का सजेशन दिया था, लेकिन मेरे सजेशन ये कह के टाल दिए थे कि UAE में बेहद गर्मी रहेगी।

लेकिन पिछले साल इसी समय UAE में ही एशिया कप हुआ था। अप्रैल 2014 और सितंबर 2020 का IPL भी UAE में ही हुआ, तब तो किसी को ज्यादा गर्मी की शिकायत नहीं हुई थी। एशिया कप का मिस-मैनेजमेंट पूरी तरह से ACC और स्पोर्ट्स पर राजनीति के दबाव के कारण हुआ है।’

श्रीलंका में सितंबर में मैच कम होते हैं

श्रीलंका में सितंबर का समय रिटर्निंग मॉनसून का समय होता है, यानी इस दौरान भारी बारिश होती है। श्रीलंका बोर्ड तो खुद सितंबर के दूसरे सप्ताह के बाद यहां मैच कराना पसंद नहीं करता। साल 2018 से 2022 तक के आंकड़े देखें तो सितंबर के दौरान सिर्फ 2019 में 3 और 2021 में 6 मैच हुए थे।

ये मुकाबले भी सितंबर के पहले सप्ताह में ही खत्म हो गए थे। इन मैचों के अलावा पिछले 5 साल में सितंबर के दौरान श्रीलंका में कोई मुकाबले नहीं हुए, ये सब जानते हुए भी ACC ने श्रीलंका में ही मैच रखे।

कोलंबो में बारिश की आशंका थी, लेकिन वेन्यू चेंज नहीं किया

एशिया कप में ग्रुप स्टेज का आखिरी मैच 5 सितंबर को अफगानिस्तान-श्रीलंका के बीच हुआ। तभी से कोलंबो में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। शहर में सुपर-4 स्टेज के 5 मैच और फाइनल तय थे। ग्रुप स्टेज के दौरान चर्चाएं होने लगीं कि आगे के मैच हंबनटोटा शहर में शिफ्ट कर दिए जाएंगे। जहां बारिश की कम संभावना है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, वेन्यू शिफ्ट पर मुहर भी लग गई थी। लेकिन ACC ने आखिरी समय में कह दिया कि वेन्यू चेंज नहीं होगा और मुकाबले कोलंबो में ही होंगे। शहर में 17 सितंबर को फाइनल तक भारी बारिश की संभावना थी। बावजूद इसके वेन्यू चेंज नहीं हुआ और भारत-पाक मैच फिर बारिश के कारण ही रिजर्व डे पर शिफ्ट हो गया।

सुपर-4 के लिए वेन्यू चेंज नहीं हुआ, लेकिन रिजर्व डे रख दिया

ACC ने सुपर-4 स्टेज का वेन्यू चेंज नहीं किया। लेकिन बीच टूर्नामेंट में नियम बदल दिए। ACC ने ब्रॉडकास्टर्स के दबाव में सिर्फ भारत-पाक के बीच मैच के लिए रिजर्व डे रख दिया। बांग्लादेश और श्रीलंका के किसी भी मैच के लिए रिजर्व डे नहीं रखा। लेकिन दोनों ही देशों के क्रिकेट बोर्ड ने इस पर मंजूरी दे दी।

अब भारत को लगातार 3 दिन क्रिकेट खेलना पड़ेगा

ACC ने वेन्यू शिफ्ट नहीं किया और सिर्फ एक मैच के लिए रिजर्व डे भी रख दिया। इस कारण अब टीम इंडिया को लगातार 3 दिन क्रिकेट खेलना पड़ेगा। 10 सिंतबर को भारत-पाक मैच शुरू हुआ, जो रिजर्व डे पर शिफ्ट हो गया। यानी टीम इंडिया अब 11 सितंबर को बाकी मुकाबला खेलेगी। इस मैच के बाद 12 सितंबर को ही टीम इंडिया को श्रीलंका के खिलाफ सुपर-4 में अपना दूसरा मुकाबला भी खेलना होगा।

टीम इंडिया ने अब तक पाकिस्तान के खिलाफ फील्डिंग नहीं की है। यानी कि भारतीय फील्डर्स को लगातार 2 दिन (11 और 12 सितंबर) पूरे 50 ओवर फील्डिंग करनी पड़ेगी। जो इंजरी से उभर रहे केएल राहुल और जसप्रीत बुमराह के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

जय शाह हैं ACC के चीफ

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चीफ हैं। एशिया कप की खराब शेड्यूलिंग पर बहस शुरू होने से पहले वर्ल्ड कप के शेड्यूल से जुड़े विवाद भी चर्चा में रहे हैं। वर्ल्ड कप भारत में 5 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।

टूर्नामेंट से ठीक 100 दिन पहले ICC ने टूर्नामेंट का शेड्यूल जारी किया। आमतौर पर ICC साल भर पहले ही शेड्यूल की घोषणा कर देता है, लेकिन इस बार बहुत ज्यादा देरी हुई।

इस बारे में पूछे जाने पर ICC की ओर से परोक्ष रूप से यही कहा गया कि जब तक BCCI शेड्यूल फाइनल नहीं करता तब तक हम कैसे कुछ भी घोषणा कर सकते थे। परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। कुछ दिन के बाद अहमदाबाद से डिमांड आई कि वे 15 अक्टूबर को भारत-पाकिस्तान मैच होस्ट नहीं कर सकते, क्योंकि उस दिन नवरात्रि त्योहार की शुरुआत हो रही है और मैच के लिए सुरक्षा देना संभव नहीं था।

कोलकाता ने भी डिमांड रखी कि 12 नवंबर को वहां होने वाला इंग्लैंड-पाकिस्तान मैच की तारीख भी बदली जाए। उस दिन काली पूजा है और कोलकाता में उस समय कोई और आयोजन कराना संभव नहीं था। इसके बाद वर्ल्ड कप रिवाइज्ड शेड्यूल जारी करना पड़ा।

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