शाहजहांपुर के मिर्जापुर में अवकाश के दिन सरकारी कोटे की दुकान के चयन को लेकर निश्चित की गई तारीख को लेकर सवाल खड़े होने लगे। सोमवार को क्लियर की गई तारीख को प्रधान की अनुपस्थिति के कारण कोटे का चयन भी नहीं हो सका। इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा तो पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराकर अगली तारीख की घोषणा करा दी।
ग्राम पंचायत उदयपुर भूडा में सहकारी सहकारी संघ की दुकान थी मगर संघ की दुकान खत्म होने के बाद अब यह दुकान दिव्यांग के लिए आरक्षित की गयी। जिसका चयन खुली बैठक में होना था जिसके लिए सोमवार को जन्माष्टमी के त्योहार पर ही तारीख लगा दी गई। जबकि ब्लाक कर्मचारियों को कोटा चयन के लिए जन्माष्टमी का दिन निश्चित नहीं करना था इसके बाबजूद भी पंचायत भवन में सभी लाभार्थी एकत्र हुए ब्लाक से भी एडीओ पंचायत कुलदीप सक्सेना तथा पंचायत सचिव चंद्र शेखर सागर पुलिस फोर्स के साथ कोटा चयन करने के लिए गांव में पहुंचे।
जहां पर लोगों ने पहले तो जन्माष्टमी के त्योहार पर छुट्टी के दिन लगायी गयी तारीख का जमकर विरोध किया बाद में लोगों ने आपसी सहमति बनाकर कोटा चयन कराने के लिए तैयार हो गए। लेकिन ग्राम प्रधान नाविद खां कोटा चयन की बैठक में नहीं गये बारह बजे तक प्रधान का इंतजार देखने के बाद सुबह से बैठे लोग उत्तेजित हो गए और उन्होंने ने जमकर हंगामा काटा मैके पर मौजूद पुलिस ने सभी को शांत कराया तब जाकर एडीओ पंचायत कुलदीप सक्सेना तथा पंचायत सचिव चंन्द्र शेखर सागर ने कोटा चयन के लिए सितंबर माह की नौ तारीख की घोषणा करते हुए बैठक का समापन किया।
वहीं ग्राम प्रधान नवीद खान ने बताया कि उनके लड़के की तबीयत खराब हो गई थी इसलिए वह बैठक में सम्मिलित नहीं हो पाए ।इसके बाद दैनिक भास्कर टीम ने सप्लाई इंस्पेक्टर राजकुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अवकाश के दिन कोटा चैयन की बैठक नहीं हो सकती है ।