लखनऊ : राजधानी यूपे के दिग्गज नेताओं में एक राज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग के पास अपना आवेदन कर दिया है। न्यूज 18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राजा भैया बुधवार को चुनाव आयोग के समक्ष अपना शपथपत्र सौंप सकते हैं। निर्दलीय विधायक के रूप में राज्य सरकारों को अपना समर्थन देने वाले राजा भैया का सूबे की सियासत में अपना एक अलग रसूख एवं प्रभाव माना जाता है।
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो
राजा भैया 30 अक्टूबर को अपने राजनीतिक जीवन के 25 साल पूरे कर रहे हैं और इस मौके पर वह अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। राजा भैया कुंडा से छह बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। रिपोर्टों के मुताबिक राजा भैया अपनी नई पार्टी के लिए अपने सिपहसलारों से चर्चा भी कर रहे हैं।
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजा भैया की यह पार्टी खासकर राजपूत वोटरों को एकजुट करने का काम करेगी जिसका फायदा 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हो सकता है। निर्दलीय विधायक रहते हुए भी सूबे की सियासत में राजा भैया काफी अहमियत रखते आए हैं। वह कल्याण सिंह, मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
राजा भैया का समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ करीबी संबंध रहे हैं लेकिन पिछले कुछ समय से उनकी भाजपा के साथ नजदीकी देखी जा रही है। हाल में संपन्न राज्यसभा के चुनावों में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में अपना वोट दिया था। समझा जाता है कि सपा और बसपा के राजनीतिक गठबंधन के जोर पकड़ने के बाद उन्होंने सपा से दूरी बनाई है। राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि वह बसपा के उम्मीदवार के समर्थन में अपना वोट नहीं देंगे। यूपी में राजा भैया और मायावती राजनीतिक शत्रुता से सभी वाकिफ हैं।