जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी पर क्षेत्र को ‘आतंकवाद की ओर धकेलने’ के कथित इरादे को लेकर निशाना साधा।
चुनावी राज्य में भाजपा का नेतृत्व करते हुए शाह ने बार-बार दावा किया है कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखती है और यदि गठबंधन सरकार सत्ता में आती है तो वे आतंकवादियों और पत्थरबाजों को जेलों से रिहा करने की योजना बना रही है। किश्तवाड़ में एक रैली में शाह ने कहा, “एक बार फिर यहां आतंकवाद के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है।
एनसी और कांग्रेस ने तो यहां तक वादा किया है कि अगर वे जीत गए तो इन आतंकवादियों को रिहा कर देंगे। लेकिन मैं आज आपको भरोसा दिलाता हूं कि जब तक (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की सरकार (केंद्र में) है, कोई भी भारत की धरती पर आतंकवाद फैलाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा।” उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं इस क्षेत्र के सभी शहीदों को याद करता हूं और वादा करता हूं कि हम आतंकवाद को इस तरह खत्म कर देंगे कि यह फिर कभी नहीं उभरेगा।’’
इसके अलावा, शाह ने दोहराया कि अनुच्छेद 370 , जो जम्मू और कश्मीर को ‘विशेष दर्जा’ देता था और जिसे अगस्त 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा निरस्त कर दिया गया था, ‘इतिहास’ है। 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए नवंबर-दिसंबर 2014 के बाद पहली बार चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।
2014 के चुनावों के कुछ महीनों बाद, फरवरी 2015 में, सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी पार्टियों, क्रमशः पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा ने सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया। जून 2018 में यह असहज साझेदारी समाप्त हो गई ।