अल्पसंख्यकों के बीच बोले राहुल, सरकार में आने पर तीन तलाक कानून करेंगे खत्म
नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के कार्यक्रम में कहा कि सत्ता में आने पर पार्टी तीन तलाक कानून को पूरी तरह से खत्म कर देगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि आरएसएस देश को नागपुर से चलाना चाहता है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राहुल गांधी ने तीन तलाक के मुद्दे पर पार्टी का रुख स्पष्ट किया। सरकार तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने वाले कानून पर दो बार अध्यादेश ला चुकी है। यह लोकसभा से पारित हो गया है और राज्यसभा में लंबित है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार में आने के बाद इसे खत्म कर दिया जाएगा।
राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी प्रहार किया और कहा कि सत्ता में आने पर संघ के लोगों को सरकारी तंत्र से बाहर किया जाएगा। आरएसएस पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संगठन के लोग सरकारी तंत्र में हर जगह मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक क्षेत्र, चुनाव आयोग, सीबीआई में आरएसएस के लोग हैं। भाजपा नरेन्द्र मोदी को आगे रखना चाहती है और उसका रिमोट कंट्रोल मोहन भागवत के हाथ में चाहती है। संगठन का लक्ष्य देश के संविधान को हटाकर नागपुर से शासन करने का है। राहुल गांधी ने सरकार पर संस्थानों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश किसी पार्टी और संस्थान का नहीं है।
इन संस्थानों का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है। भाजपा को लगता है कि वह देश से ऊपर है लेकिन 3 महीने के अंदर उन्हें पता चल जाएगा और वह सत्ता से बाहर हो जाएगी। राहुल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट को काम नहीं करने दे रहे हैं। वे खुद को भारत से ऊपर समझते हैं। उनका सोचना है कि यह देश नीचे है और वे उससे ऊपर हैं। राहुल ने कहा कि यह देश हर भारतीय का है। यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई अल्पसंख्यक समुदाय से थे। ये वो लोग हैं जिन्होंने देश का निर्माण किया है। इस दौरान राहुल गांधी ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहस की चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उनसे 10 मिनट तक स्टेज पर बहस नहीं कर सकते। वे डरपोक हैं। पांच साल तक उनसे लड़ने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का चरित्र पता चल गया है। जब कोई उनके सामने खड़ा होता है तो वह भाग खड़े होते हैं।