राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और ईडी ने मंगलवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की। दिल्ली के शाहीन बाग में NIA ने रेड करके PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया है। शाहीन बाग में इस एक्शन के बाद केंद्रीय पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। वहीं महाराष्ट्र के औरंगाबाद से 8, कर्नाटक के कोलार से 6 और असम से 7 PFI कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया है। NIA और 9 राज्यों की ATS एक साथ एक्शन में है।
दिल्ली के शाहीन बाग में छापा, 30 को हिरासत में लिया
दिल्ली के शाहीन बाग में NIA की टीम ने मंगलवार सुबह छापा मारकर 30 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से कुछ के बारे में NIA को पुख्ता सूचना मिली थी, जबकि कुछ को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया है। इस एक्शन के दौरान पूरे शाहीन बाग में केंद्रीय सुरक्षा बल CRPF की तैनाती कर दी गई है। शाहीन बाग में ही CAA-NRC के खिलाफ कई महीने तक लगातार प्रदर्शन हुआ था।
उत्तर प्रदेश ATS ने तीन शहरों से 16 लोगों को पकड़ा
उत्तर प्रदेश ATS ने मंगलवार सुबह गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में छापेमारी कर 16 लोगों को उठाया है। गाजियाबाद से 12, मेरठ से 3 और बुलंदशहर से 1 संदिग्ध को उठाया है। ATS को इनपुट मिले हैं कि ये सभी PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं। ATS ने यह कार्रवाई सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात की है। ATS ने बुलंदशहर में पीएफआई से जुड़े वकील को भी उठाया है। आपकों बता दें की सीतापुर में भी पीएफआई के सक्रीय सदस्य मुकीद पुत्र नईम उम्र 32 वर्ष को रात करीब 2:30 पर सीतापुर के खैराबाद थाना क्षेत्र के गांव असोढर से हिरासत में लिया गया है, इससे पूर्व जेल भी चुका है मुकीद।
मध्य प्रदेश में 8 जिलों से PFI के 22 संदिग्ध पकड़े गए
मध्यप्रदेश ATS ने सोमवार रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों में PFI सदस्यों के ठिकानों पर रेड की है। जांच एजेंसी ने 22 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। ATS को इन संदिग्धों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए 4 आरोपियों की पूछताछ में मिली थी। ATS (एंटी टेररिज्म स्क्वायड) की कार्रवाई अभी जारी है। उज्जैन से PFI के तीन सदस्यों को उठाए जाने की खबर है।
PFI के गिरफ्तार कार्यकर्ताओं से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि इनके मंसूबे खतरनाक हैं और नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। मध्यप्रदेश सहित ज्यादातर राज्यों में PFI के सिमी से जुड़े होने के भी प्रमाण मिले। इसके बाद देशभर की इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों ने PFI का पूरा नेटवर्क खंगालने की कवायद शुरू की। 20 राज्यों और 100 से ज्यादा शहरों में इनका सर्विलांस शुरू हुआ। पता चला कि PFI को खाड़ी देशों के अलावा देश के बड़े मुस्लिम कारोबारियों से चंदा मिल रहा है।
16 साल का PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। विस्तार 23 राज्यों तक। दावा- सोशल वर्क का, लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों की रिपोर्ट्स बताती हैं कि हत्या से लेकर दंगों तक नाम आया। सीएए प्रोटेस्ट के दौरान शाहीनबाग-जहांगीरपुरी से उठी हिंसा यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार तक पहुंची।
पकड़े गए लोगों के पास से मिले दस्तावेज बयां कर रहे थे कि वो हिन्दुस्तान की सत्ता हासिल करना चाहते हैं। इसमें लिखा मिला कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इस दस्तावेज में ये भी लिखा है कि 10% मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे। इसके लिए इनके पास 4 लेयर का पूरा प्लान है। बिहार पुलिस ने 11 जुलाई को बिहार शरीफ में अतहर परवेज को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य रहा है। उसने वहीं किराए के मकान में कई राज्यों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी है।