ट्रेन के लिए नहीं बना पाए खाना, रेलरेस्ट्रो आपकी सीट पर पहुंचाएगा लजीज खाना, अपनाएं ये आसान सा ट्रिक
दुनिया की सारी खुशी एक तरफ और त्योहार पर घर जाने की खुशी एक तरफ… हम दुनिया के किसी भी कोने में ट्रिप कर आएं मगर अपने शहर की बात ही अलग होती है, खासकर दीवाली और छठ के समय पर… भले 4 दिन के लिए सही औऱ घर न जाओ तो त्योहार के दिन अपने परिवार की कमी तो खलती ही है. जो लोग घर न जाकर अपने परिवार के साथ सुकून के पल बिताना चाहते हैं उनके लिए भी यह छुट्टियों का बढ़िया मौका रहता है, कहने का मतलब यह है कि जहां परिवार साथ होता है, वहीं घर बन जाता है क्योंकि कहा जाता है ना कि मकान से घर नहीं बनता घर बनता है परिवार से… अब अगर सफर की बात होगी, यात्री की बात होगी तो सबसे पहले ख्याल ट्रेन का आता है। ट्रेन की टिकट तो लोग पहले से करा लेते हैं, जो नहीं करा पाते वे तत्काल का सहारा लेते हैं। असल में हम भारतीय के लिए ट्रेन का सफर सिर्फ यात्रा का एक पार्ट नहीं है बल्कि एक इमोशन है। मतलब त्योहारी सीजन में ट्रेन का सफर अपने आप में एक उत्सव है। कई बार ट्रेन में सफर के समय लोग आपस में घुल-मिल जाते हैं। लोगों की चहल-पहल… बच्चों के कभी हंसने की आवाज तो कभी रोने की। कोई बुजुर्ग ये बता रहे होते हैं कि उनके समय में होली-दीवाली कैसे मनाई जाती थी। कहीं गाने चल रहे होते हैं… इस बीच यात्रियों की सबसे बड़ी खोज होती है अच्छे खाने की।
ट्रेन में चढ़ते ही भीड़-भीड़ के बीच कहीं चाय-चाय की आवाज तो कहीं समोसे की खुशबू… अधिकतर लोग ऑफिस के बाद ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन की ओर भागते हैं। त्योहारी सीजन में स्टेशन के बाहर लगने वाली लाइन और भीड़ की वजह से जल्दी पहुंचना भी जरूरी है। ऐसे में ऑफिस के बाद लोग किचन में जंग ना लड़कर ट्रेन पकड़ना ज्यादा जरूरी समझते हैं। वैसे भी टिकट के लिए मारामारी है। कहीं सिंगल और कामकाजी लोगों के लिए घर से खाना बनाकर ले जाना संभव नहीं होता। कई बार घर में छोटे बच्चे होतें हैं, बुजुर्ग होते हैं उनका ख्याल रखना पड़ता है, ऐसे में घर से हर कोई ट्रेन के लिए खाना नहीं बना पाता। मजबूरी में लोगों को वही खाना पड़ता है जो मिल जाता है। कई बाहरी रेहड़ी वाले बिरयानी के नाम पर उबला राइस परोस देते हैं तो समोसे के नाम पर दो दिन पुराना आलू…ऊपर से गंदे तेल औऱ मसाले… कई बार ये इतने अनहाईजनिक होते हैं कि इंसान बीमार ही पड़ जाए फिर तो मन चुका त्योहार। अच्छी चाय-नाश्ते के लिए लोग ट्रेन में तरस जाते हैं। चाय के नाम पर पानी ही पानी… दाल औऱ रोटी का तो पूछो ही मत, कई ट्रेन में पेंट्री होती मगर मांग इतनी अधिक बढ़ जाती है कि कभी गलत आर्डर तो कभी देरी, ऊपर से स्वाद क्या होगा आपको अंदाजा होगा।
कहने का मतलब यह है कि अगर आप सफर के लिए घर से खाना लेकर नहीं गए तो आपके पास ऑप्शन कम होते हैं। कई बार मान लीजिए आपने डिनर या लंच लेकर गए भी हैं और बीच में कुछ मंच करने का मन कर दिया, हल्का-फुल्का नाश्ता करने का मन कर दिया तो भी अफसोस के साथ वही सब खाना पड़ता है तो बाद में नुकसान कर सकता है। लोग रेहड़ी वाले पकौड़ा या गर्म वड़ा पाव और भेल पूरी खा तो लेते हैं मगर अनहाइजेनिक गिल्ट के साथ।
दरअसल, लोग सिर्फ ट्रेन में सफर नहीं करते वे इस चीज को एंजाय करना चाहते हैं, कई लोग तो ट्रेन में बैठते ही खाने की तलाश में जुट जाते हैं। परिवार हों या दोस्त या कपल इनके लिए तो मानो ट्रेन का सफर पिकनिक होती है। सोचिए ऐसे में अगर आपके पास साफ-सुथरा अच्छी क्वालिटी का फूड में मिल जाए तो… जी हां ट्रेन में अब आप अपने मन पसंद के खाने के लुफ्त उठा सकते हैं वह भी बिना किसी झंझट के।
ट्रेन में हेल्दी और टेस्टी खाना अब संभव है-
आप अपनी सीट पर ही ट्रेन फूड ऐप रेलरेस्ट्रो के जरिए अपना पसंदीदा फूड मंगा सकते हैं। रेलरेस्ट्रो आपको टाइम पर टेस्टी और हाईजेनिक फूड पहुंचाता है। चाहे आप शाकाहारी हो या मांसाहारी। या फिर जैसा आप खाना चाहते हों क्योंरि रेलरेस्ट्रो के मेनू में सभी ऑप्शन हैं। रेलरेस्ट्रो साफ-सुथरा तरीके से भोजन तैयार करता है, जो टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होता है।
इस ऐप पर खाना ऑर्डर करना भी बहुत आसान है, यह पूरे भारत में 450 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर कम पैसे में अच्छा खाना प्रोवाइड कराता है। रेलरेस्ट्रो के संस्थापक श्री मनीष चंद्रा का कहना है, “हम यात्रियों के रिएक्शन देखकर काफी खुश हैं, हम अपने यात्रियों के लिए रेलरेस्ट्रो के जरिए टेस्टी-हेल्दी तरह-तरह के भोजना उपलब्ध कराने का वादा करते हैं। हमारा लक्ष्य यात्रियों को खाने को लेकर बेहतरीन एक्सपीरियंस देना है।” हम चाहते हैं कि सभी के लिए ट्रेन की यात्रा यादगार और खुशनुमा बने।”
इतना ही नहीं, त्योहारी सीज़न के लिए रेलरेस्ट्रो के पास स्पेशन मेनू है। जिसमें साबूदाना खिचड़ी, फ्रूट चाट, मखाना खीर स्पेशल तरीके से तैयार किया गया है। अगर ट्रेन में आपके साथ कोई बच्चा है तो रेलरेस्ट्रो के पास उनके लिए भी खास मेनू है। इनका डिलीवरी पार्टनर समय पर आपकी सीट पर बच्चे के लिए हर तरह का खाना पहुंचाता है। इसलिए अब आप ट्रेन में खाने की टेंशन रेलरेस्ट्रों के ऊपर छोड़कर अपनी यात्रा को एंजाय करें।
कैसे करें खाने का ऑर्डर?
- सबसे पहले रेलरेस्ट्रो वेबसाइट पर जाएं।
- अब ट्रेन नंबर या पीएनआर नंबर दर्ज करें।
- इसके बाद अपना डिलीवरी स्टेशन और फूड सेलेक्ट करें।
- आप ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं या फिर कैश ऑन डिलीवरी ले सकते हैं।
- खाना सीधे आपकी बर्थ सीट पर पहुंचा जाएगा।
ऐप के जरिए कैसे करें ऑर्डर?
- प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर जाकर रेलरेस्ट्रो ऐप डाउनलोड कर लें।
- अब ट्रेन नंबर या पीएनआर नंबर दर्ज करें।
- अपना डिलीवरी स्टेशन और फूड सेलेक्ट करें।
- ऑनलाइन या आप कैश ऑन डिलीवरी ऑप्शन चुने।
- खाना सीधा आपकी सीट पर पहुंचा जाएगा।
इसके साथ ही आप कॉल या व्हाट्सएप के जरिए फूड ऑर्डर करने के लिए 8102888999 पर संपर्क कर सकते हैं, हैपी फूड हैपी जर्नी।