
नई दिल्ली, । देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने शुक्रवार को एक साथ 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे पूरे देश में हवाई यातायात ठप्प हो गया। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद समेत सभी बड़े हवाई अड्डों पर हजारों यात्री फंस गए। गुस्साए यात्रियों ने काउंटरों पर हंगामा किया। सामान को लेकर झगड़े हुए और कई जगह स्टाफ से बदसलूकी की खबरें आईं। दूसरी एयरलाइंस के टिकटों के दाम रातोंरात कई गुना बढ़ गए। इस संकट की सबसे बड़ी मार दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पड़ी, जहां एक दिन में सभी 235 घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गईं।
हालांकि रेलवे ने 4.89 लाख यात्रियों को दी बड़ी राहत दी है। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने वीडियो संदेश में इसे सिस्टम रीबूट करार दिया और कहा कि यह कदम ऑपरेशन को फिर से पटरी पर लाने के लिए जरूरी था। उन्होंने दावा किया कि शनिवार से रद्द उड़ानों की संख्या 1000 से काफी कम रहेगी और 10-15 दिसंबर तक स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।
कंपनी ने उड़ान रद्द होने की वजह पायलटों की कमी, खराब मौसम, तकनीकी खराबी और नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) नियमों को बताया। खासकर नवंबर से लागू एफडीटीएल के दूसरे चरण में रात की ड्यूटी पर सख्ती बढ़ने से इंडिगो की तैयारी उजागर हो गई। पायलट यूनियनों का आरोप है कि कंपनी लंबे समय से जानबूझकर कम स्टाफ रख रही थी, जिसका खामियाजा अब यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का आलम यह था कि पुणे में 16 आगमन और 16 प्रस्थान, अहमदाबाद में 86 और मध्य प्रदेश के विभिन्न हवाई अड्डों पर 85 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं।
इंडिगो ने माफी मांगी और वादा किया कि सभी रद्द टिकटों का पूरा रिफंड मूल भुगतान माध्यम से होगा। साथ ही 5 से 15 दिसंबर तक की बुकिंग पर कैंसिलेशन या तारीख बदलने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। प्रभावित यात्रियों के लिए होटल और सड़क परिवहन की व्यवस्था भी की जा रही है। लेकिन ज्यादातर यात्री शिकायत कर रहे हैं कि ये सिर्फ कागजी घोषणाएं हैं, जमीन पर कोई राहत नहीं मिल रही। इस बीच डीजीसीए ने इंडिगो को रात्रि ड्यूटी नियमों से 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी छूट दे दी है, लेकिन साप्ताहिक 48 घंटे अनिवार्य आराम के नियम में कोई रियायत नहीं दी गई है।
संकट बढ़ता देख हवाई यात्री बड़ी संख्या में भारतीय रेलवे की शरण में पहुंचे। रेलवे ने तुरंत संवेदनशीलता दिखाई और महज कुछ घंटों में 37 महत्वपूर्ण ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़ दिए। इससे 114 अतिरिक्त ट्रिप्स संचालित हो सकेंगी। प्रत्येक ट्रिप में करीब 4,000 यात्रियों को जगह मिलेगी, जिससे कुल मिलाकर लगभग 4.89 लाख यात्रियों को राहत मिलेगी। यह विशेष व्यवस्था 6 दिसंबर से ही शुरू कर दी गई है। एक बार फिर संकट की घड़ी में भारतीय रेलवे ने साबित किया कि जरूरत पड़ने पर वह सबसे भरोसेमंद विकल्प बनी रहती है।















