अहमदाबाद । नरोडा के विधायक बलराम थवानी ने रविवार को जिस महिला को लात-घूंसों से पीटा था, सोमवार को उसके साथ समझौता कर लिया। उनका कहना कि वह उनकी छोटी बहन के समान है। वह उस महिला के घर गए और राखी बंधवाई।
मीडिया के सामने विधायक बलराम ने यह भी कहा कि वह छोटी बहन होने के नाते उसकी रक्षा करेंगे । भाजपा अध्यक्ष ने बलराम को कल की घटना और मारपीट पर फटकार लगाई और इस घटना को लेकर पार्टी में नाराजगी है। गुजरात में भाजपा अब राज्यसभा की दो सीटें जीतने के लिए विधायकों की ताकत बढ़ाने के लिए कांग्रेस विधायकों का भाजपा में स्वागत कर रही है। इन परिस्थितियों में यदि बलराम थवानी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो भाजपा विधायकों की ताकत कम हो सकती है और इसका सीधा असर राज्यसभा चुनावों पर हो सकता है ।
#WATCH BJP's Naroda MLA Balram Thawani kicks NCP leader (Kuber Nagar Ward) Nitu Tejwani when she went to his office to meet him over a local issue yesterday. Nitu Tejwani has registered a complaint against the MLA. #Gujarat pic.twitter.com/dNH2Fgo5Vw
— ANI (@ANI) June 3, 2019
भाजपा की नीति और संगठन के गठन पर तत्काल ध्यान देने के बजाय, संगठन, आंदोलन, चरित्र और चेहरे की नीति के अनुसार उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की बजाय भाजपा ने नेता को 7 या 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए एक कारण बताओ नोटिस दिया है । इस स्पष्टीकरण के आधार पर नेता या नेता की शरारत का अंतिम निर्णय भाजपा की अनुशासन समिति के समक्ष लिया जाता है । हालांकि ज्यादातर मामलों में भाजपा नोटिस देने के बाद मामले को रफादफा कर देती है ।
बलराम थवानी के मामले में घटना को 24 घंटे होने के बाद भी भाजपा अध्यक्ष ने सिर्फ फटकार लगाई और उनसे माफी मांगने को कहा लेकिन भाजपा उनके खिलाफ बर्खास्तगी से डर रही है ।
रूपानी सरकार में गुजरात में पार्टी विधायकों की संख्या 103 है । इन परिस्थितियों में राज्यसभा की दो सीटें खाली हैं। भाजपा इन दोनों सीटों के चुनाव की गिनती कर रही है । अगर भाजपा को इस चुनाव में दोनों सीटों पर जीत हासिल करनी है तो कांग्रेस से 19 विधायक हासिल करने होंगे। इन हालात के बीच यदि भाजपा नैतिकता के आधार पर अपने स्वयं के विधायक को खारिज करती है तो भाजपा की ताकत टूट जाएगी । इस प्रकार भाजपा अपने विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचक रही है ।