पत्रकार हत्याकांड : CBI कोर्ट का बड़ा फैसला, मरते दम तक जेल में रहेगा बलात्कारी बाबा राम रहीम

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम समेत सभी चार दोषियों को सीबीआई की विशेष कोर्ट  ने राम रहीम मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया. 16 साल पुराने मामले में कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया है। इस मामले में राम रहीम के अलावा तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा सभी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले  डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख की सजा को देखते हुए पंचकूला समेत हरियाणा के उन तमाम शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई जहां डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव है.

हरियाणा पुलिस ने रोहतक की सुनारिया जेल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि रोहतक में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए लगभग 800 जवानों की तैनाती की गई. पुलिस ने सुनारिया जेल के पास 10 बैरियर भी स्थापित किए हैं, जहां पुलिस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखेगी और वॉकी टॉकी से वरिष्ठ अधिकारी को जानकारी देगी. बाबा के समर्थकों पर नजर रखने के लिए हाईवे के अलावा इलाके में पेट्रोलिंग की जा रही है.

इससे पहले सिरसा में कल पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला. सिरसा में दो महिला पुलिसबल की कंपनी समेत कुल 12 कंपनियां बाहर से मंगवाई गई हैं. यहां सीआरपीएफ की 2 टुकड़ियां को भी अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा पंचकुला, फतेहाबाद में सुरक्षा सख्त है.

गौरतलब है कि 11 जनवरी को अदालत ने इस मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया था. राम रहीम के अलावा 3 और लोगों को आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120 बी यानी आपराधिक साजिश के तहत दोषी ठहराया गया है.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि यह पूरा मामला 16 साल पुराना है. 2002 में रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रामचंद्र छत्रपति लगातार अपने समाचार पत्र में डेरे में होने वाले अनर्थ से जुड़ी ख़बरों को छाप रहे थे. उनके परिवार ने इस संबंध में केस दर्ज कराया था. उनकी याचिका पर अदलात ने इस केस  की जांच नवंबर 2003 को सीबीआई के हवाले कर दी थी. 2007 में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था.

खबर प्रकाशित करने पर हुई थी हत्या
गौरतलब है कि वर्ष 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दरअसल, छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति की हत्या के बाद परिजनों ने मामला दर्ज कराया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था।

इन धाराओं के तहत दोषियों पर ऐक्शन
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और कृष्ण लाल को आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) और 302 के तहत दोषी करार दिया, जबकि कुलदीप सिंह तथा निर्मल सिंह को आईपीसी की धारा 302 ( हत्या की सजा) और 120बी (आपराधिक साजिश) का दोषी बताया। निर्मल सिंह को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 25 तथा कृष्ण लाल को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया।

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