भास्कर समाचार सेवा
मथुरा(वृन्दावन)। दक्षिण भारतीय शैली के रंगनाथ मंदिर में मंगलवार को भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया गया। वैदिक परंपरा और मंत्रोच्चारण के मध्य भगवान राम,माता जानकी और लक्ष्मण जी का पंचामृत से अभिषेक किया गया। 3 दिवसीय उत्सब के अंतिम दिन अभषेक के भगवान राघवेंद्र सरकार की भव्य आरती की गई। जिसके दर्शनों के लिए भक्तों में होड़ सी लगी रही। भगवान राम के जन्म उत्सब पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। मंदिर के पुजारियों ने भगवान राम,जानकी जी और लक्ष्मण जी का मंत्रोचारण के मध्य अभषेक किया। 8 कलश में लाये गए शुद्ध जल में विभिन्न पवित्र नदियों के जल का मिश्रण कर आवाहन किया। इसके बाद भगवान राम का अभिषेक शुरू हुआ। पहले पवित्र शुद्ध जल से अभषेक हुआ इसके बाद दूध,दही,घी,शक्कर,शहद से पंचामृत अभषेक किया गया। इस दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण लगातार जारी रहा। मंदिर के सुपरवाइजर लखन लाल पाठक ने बताया कि उत्तर भारत में तिथि के हिसाब से उत्सव मनाए जाते हैं लेकिन दक्षिण भारत में जन्म नक्षत्र और तिथि एक साथ हो तभी उत्सब मनाया जाता है। ऐसा तीन चार वर्ष में एक बार होता है जब उत्सब उत्तर और दक्षिण में अलग अलग मनाया जाता हो। जंहा सुबह उत्सब प्रतिमाओं का अभिषेक हुआ वही शाम को सूर्य वाहन पर विराजमान होकर भगवान राम माता जानकी और लक्ष्मण जी भक्तो दर्शन देकर कृतार्थ किया।