
उत्तरकाशी : उत्तरकाशी जिले के धराली में आई प्राकृतिक आपदा को आज तीसरा दिन है। राहत और बचाव कार्यों में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस और स्थानीय प्रशासन दिन-रात जुटे हुए हैं। बुधवार को खराब मौसम और टूटी सड़कों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा डाली, जिसके बाद हेलीकॉप्टर सेवाओं का सहारा लिया गया। अब तक इस आपदा में 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन का ताजा अपडेट
- अब तक 190 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें 13 घायल शामिल हैं।
- गुरुवार को 44 पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
- एक घायल व्यक्ति को धराली से हवाई मार्ग द्वारा मातली हेलीपैड लाया गया, जहां से उसे आगे के इलाज के लिए भेजा गया।
- मातली से हर्षिल के बीच शटल सेवा शुरू की गई है। UCADA के 6 छोटे हेलीकॉप्टर रेस्क्यू कार्य में लगे हैं।
- गुरुवार सुबह 9:30 बजे तक 44 लोगों को आईटीबीपी मातली शिफ्ट किया गया, जिनमें 9 लोग (2 बच्चे सहित) शामिल हैं।
- सहस्त्रधारा हेलीपैड से UCADA के दो हेलीकॉप्टर हर्षिल के लिए रवाना हुए।
- जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर दो चिनूक और MI-17 हेलीकॉप्टर तैनात हैं, जो मौसम अनुकूल होने पर सेना और एनडीआरएफ के जवानों व उपकरणों को एयरलिफ्ट करेंगे।
सीएम धामी का दौरा और निरीक्षण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को धराली और हर्षिल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए उत्तरकाशी में कैंप किया। गुरुवार को भी उन्होंने रेस्क्यू किए गए लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना और बचाव कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही, देर रात एनडीआरएफ और आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति की समीक्षा की।
पीएम मोदी को दी गई जानकारी
बुधवार को उत्तराखंड के चार सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर धराली आपदा की स्थिति से अवगत कराया। पीएम ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
रेस्क्यू में चुनौतियां
धराली और हर्षिल में सड़कें कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे ग्राउंड जीरो तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। गंगोत्री धाम में कई लोग फंसे हुए हैं। पहले संचार व्यवस्था भी बाधित थी, लेकिन गुरुवार सुबह से सैटेलाइट फोन काम करने लगे हैं।
एनडीआरएफ के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि चार टीमें कार्यरत हैं, लेकिन सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण हेलीकॉप्टरों से कर्मचारियों और फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। स्थानीय लोग भी बचाव कार्यों में सहयोग कर रहे हैं।
पर्यटक की आपबीती
महाराष्ट्र के जलगांव निवासी रूपेश मेहरा, जो धराली में फंस गए थे, ने बताया कि सड़कें बंद होने के कारण उन्हें हेलीकॉप्टर से निकाला गया। उन्होंने सेना, एनडीआरएफ, और अन्य एजेंसियों की त्वरित मदद की प्रशंसा की।
आगे की स्थिति
धराली और हर्षिल में रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। सड़कों के पुनर्निर्माण और संचार व्यवस्था को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन और बचाव टीमें फंसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही हैं।