जयपुर नए जिलों और संभाग खत्म करने के बाद भजनलाल सरकार की ओर से अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के रिव्यू की तैयारी को लेकर सियासी पारा गर्मा गया है। सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का रिव्यू करने के लिए उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है। कमेटी में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और खाद्य मंत्री सुमित गोदारा को मेंबर बनाया गया है। इसे लेकर अब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और पूर्व शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के कई नेता आमने-सामने हो गए हैं।
भाजपा नेताओं ने विपक्ष में रहने के दौरान अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर आपत्ति जताते हुए सरकार बनने पर उनका रिव्यू करने का ऐलान किया था। पिछली कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों पर खूब सियासी विवाद होता रहा है। भाजपा ने इन स्कूलों पर पहले भी सवाल उठाए थे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि कांग्रेस की अपने राजनीतिक फायदे के लिए गलत एवं भ्रामक बयान देने की पुरानी आदत है। प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली कांग्रेस ने अपनी सरकार के दौरान अंग्रेजी शिक्षा के नाम पर सिर्फ बोर्ड लगाने का काम किया और छात्रों व अभिभावकों के साथ छलावा किया। कांग्रेस सरकार ने इन स्कूलों के लिए ना तो अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती की और ना ही इसके लिए बजट दिया। सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदलकर कांग्रेस ने इन स्कूलों को बंद करने का षडयंत्र किया।
दिलावर ने कहा कि भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखने वाली कांग्रेस ने ट्रांसफर उद्योग एवं पेपर चोरी से शिक्षा के मंदिर को नाथी का बाड़ा बना दिया। हमारी सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में शिक्षा के बुनियादी स्तर में सुधार लाने के लिए तत्पर होकर कार्य कर रही है तथा हमारी प्राथमिकता प्रदेश के बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा देना है। मंत्रिमंडलीय कमेटी स्कूलों को मजबूत बनाने पर काम करेगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस और गहलोत पहले यह बताए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षा के लिए क्या किया, अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं की, अंग्रेजी स्कूलों के लिए संसाधन क्यों नहीं दिए?
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय 2013 से 2018 के बीच राजस्थान देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर था, लेकिन कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन ने इसे गर्त में धकेलने का काम किया। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के शिक्षा मंत्री केवल अपने बच्चों एवं चहेतों को फर्जी तरीके से नौकरियां दिलाने में व्यस्त रहे।
दूसरी तरफ, अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के रिव्यू के लिए कमेटी बनाने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार पर पलटवार किया है। गहलोत ने एक्स पर लिखा कि ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार ने सरकारी स्कूली शिक्षा को बर्बाद करने का संकल्प कर लिया है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इसे प्रदेश को पीछे धकेलने का विजन बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करें। जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे महंगे स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं। उन्हें डर है कि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करके उनके बच्चों के बराबर न आ जाएं। इसके साथ ही भाजपा सरकार प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूलों को फायदा पहुंचाना चाहती है।