नगर पंचायत द्वारा किये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी लाखों खर्च कर बनाई सडकें


– मरम्मत के एक माह बाद फिर ध्वस्त हुई दीवार
किशनी/मैनपुरी- नगर पंचायत द्वारा किये गये भ्रष्टाचार और काले करनामों की सूची काफी लम्बी होती जा रही है। नित नये खुलासे हो रहे हैं। पर जांच के नाम पर सबकुछ गोलमाल है।

    नगर पंचायत द्वारा कस्बे के मुहल्ला सदर बाजार में दो इंटरलॉकिंग सडकों का निर्माण कराया गया था। एक सडक बलराम श्रीवास्तव के स्कूल से लेकर किशनी माइनर तक दूसरी मास्टर सत्यभान के मकान से लेकर कुट्टू के मकान के पास से निकली सड़क तक। इसमें पहले वाली सडक निर्माण होने के कुछ ही दिनों के बाद उलट पलट हो गई थी। तत्कालीन ईओ दुर्गेश कुमार ने एक माह के अन्दर ठेकेदार द्वारा सडक के पुनःनिर्माण का भरोसा भी दिया था। पास के लोगों ने कई दिनों तक प्रदर्शन कर सड़क की मरम्मत और ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की थी। पर प्रदर्शन कारियों की मांग नक्कारखाने में तूती की आबाज बन कर रह गई। न ठेकेदार ने कुछ किया न ही नगर पंचायत द्वारा कुछ किया गया।

सारा पैसा भ्रष्टाचार की भैंट चढ गया। इस सड़क के गिरने से न सिर्फ स्थानीय लोगों को परेशानी हुई बल्कि दर्जनों किसानों को महीनों तक खेतों में पानी ले जाने में भी भारी दिक्कत का सामना करना पडा था। क्योंकि सड़क के किनारे बनाया नाला खत्म हो गया था। किसानों को भारी परेशानी हुई तब उन्होंने ही मिलकर नाला की सफाई कराई थी। दूसरी सडक का भी हाल वही हुआ जैसी आशा थी। यह सडक पहली ही बरसात में धंस गई। चूंकि सडक के बगल में नीचाई पर खेत है। सडक बनाने के लिये एक दीवार का निर्माण किया गया था।

कुछ ही दिनों के अन्दर दीवार भी गिरकर ध्वस्त हो गई थी। खेत वालों की आपत्ति के बाद नगर पंचायत ने दुबारा दीवार का निर्माण करा दिया। पर घटिया सामग्री का प्रयोग करने के कारण दीवार का काफी हिस्सा दुबारा गिर गया। सड़क भी जगह जगह धंस गई। पर नगर पंचायत पर कोई फर्क नहीं पडता। उसे नया काम कराने में रूचि है। ताकि दुबारा नया निर्माण हो और दुबारा मुट्ठी गर्म करने का मौका मिले। स्थानीय लोगों ने सडक के पुर्ननिर्माण तथा ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। लोगों का कहना है कि अच्छा होगा जो नगर पंचायत कोई काम न कराए। ताकि धन की बर्बादी तो बचेगी।

मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट

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