
भास्कर समाचार सेवा
गाज़ियाबाद। एक तरफ जहां सूबे की योगी सरकार प्रदेश की सड़कों को दुरुस्त करने में ऐड़ी से छोटी तक का जोर लगा रही है वही लोनी में शाम ढलते ही खनन क्षेत्रो में पड़ने वाले गांवो के रास्ते रेत से भरे ओवरलोड वाहनों से टूटकर बुरी तरह बद्दतर हो गए है।दरशल वैसे तो नदियां धरती को खूबसूरत बनाती हैं मगर जनपद गाजियाबाद की लोनी के पचायरा गांव के यमुना नदी के तट पर दो जगह खनन चल रहा है।यह क्षेत्र दशकों से खनन माफियाओं की पहली पसंद बना हुआ है। सरकार बदल गई, राज बदल गया,निजाम बदल गए, फरमान बदल गए लेकिन नहीं बदला तो इन क्षेत्रों में हो रहा अवैध खनन।कहने को तो इन क्षेत्रों के विकास के लिए डीएमएफ में करोड़ो की धनराशि आती है मगर वह धनराशि मनमाने ढंग से अन्यत्र कहीं खर्च कर दिए जाते हैं।जनप्रतिनिधि भी चुनाव जीतने से पूर्व बड़े-बड़े वादे करते हैं मगर जनता की मूलभूत समस्याओ के निवारण में भी नाकाम रहते हैं। तभी तो विधानसभा लोनी व खेकड़ा से जुड़ी खनन क्षेत्रों की दर्जनों सड़कें पैदल चलने लायक भी नहीं बची हैं।खनन मार्ग दलदल में तब्दील हो जाते हैं।बता दें।कि वर्तमान समय में पचायरा गांव के थोडे से फैसले में दो जगह अवैध खनन खदाने चल रही हैं। खादानो के मालिक सत्यवीर उर्फ सुधीर राठी एवं दूसरे खादान के मालिक हाजी भुट्टो के नाम से है सरकार ने इन्हे रेत खनन का टेंडर दिया हुआ है लेकिन यमुना नदी में हो रहे वैध/अवैध खनन से हुई दुर्दशा की गवाही यमुना नदी व नदी से जुड़े हुए ये क्षेत्र खुद ही चीख-चीखकर अपनी कहानी बयां कर रहे हैं।इन क्षेत्रों में पूर्व में भी सिंडिकेट के नाम पर जमकर लूट हुई थी और आज भी लूट बदस्तूर जारी है बदले हैं तो बस लूटने के तरीके।माफियाओं ने सारे नियम कायदों को ताक में रख दिए हैं तथा खनन माफिया निडर होकर यमुना नदी की कोख चीर प्रतिदिन लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।कहा जाये तो अवैध खनन के इस काले खेल में खाकी व क्षेत्रीय प्रशासन के हाथ भी साफ नही नजर आते हैं।वही परिवहन व्यवस्था से जुड़े अफसरों भी इसे अछूते नजर नही आते और फिर अफसर आंखों पर काली पट्टी बांध लेते हैं। उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता है, सब मौन हो जाते हैं। वही अवैध खनन कर ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से खस्ताहाल यहां की सडके अपना दर्द स्वयं बयां कर रही हैं।खनन,परिवहन की मॉनिटरिंग हुई फेल,प्रदेश में जीरो टॉलरेंस के दम पर आई भाजपा की सरकार ने खनन में परिदर्शिता लाने के लिए खनिज नियमों में नए नए संशोधन किये। अवैध खनन में विराम लगाने के वास्ते खदानों में सीसीटीवी व धर्म कांटा भौतिक मूल्यांकन करने के लिए लगाया। लेकिन जानकारों की माने तो अवैध खनन में महारत हासिल माफियाओं ने एक कदम और आगे बढ़ा कर इसकी भी मास्टर चाभी तैयार कर ली। खनिज विभाग के सर्वर से अटैच कैमरे खदानों में बंद हैं या तो उनका डायरेक्शन बदला है। संचालकों ने खदानों पर लगे धर्मकाटो को छेड़छाड़ कर सेट कर रखा है। लेकिन वह भी कागज तक ही सीमित रह गया।ओवरलोड परिवहन से बदरंग हुई सड़कें।लगातार हो रहे अवैध खनन व अवैध परिवहन से लोक निर्माण विभाग से बना दिल्ली सोनिया विहार पुस्ता मार्ग जो ट्रॉनिका सिटी से होकर बागपत की और जाता है मार्ग पूर्णतया विलुप्त हो गया है। तथा मेन लोनी दिल्ली साहरनपुर मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो रहा है एक वात और रेत से भरे वाहनों के बिगड़ जाने से ज्यादातर जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे लोगों को आवागमन की समस्या से झूझना पड़ता है। यह समस्या खदान के संपर्क मार्ग की ही नहीं अपितु हाईवे भी इन समस्याओं से अछूते नहीं हैं।दोनों मार्गो की स्थिति खस्ताहाल हो गई है।और तो और नो एंट्रीं में लोनी के मेन दिल्ली साहरनपुर मार्ग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। ओर संबंधित अधिकारी व जनप्रतिनिधि खामोश दिखाई दे रहे है।