रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए आरपीएफ इंस्पेक्टर को  सात साल का कारावास, 30हजार का आर्थिक दंड 

 गाजियाबाद.  सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को आरपीएफ के एक दरोगा को सात  साल के कारावास तथा 30हजार रूपये  के जुर्माने की सजा सुनाई है  । इस इंस्पेक्टर  नई  को दिल्ली रेलवे स्टेशन से एक ठेकेदार से 8हजार  की रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था  ।
अदालत  सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार  अतुल मिश्रा रेलवे स्टेशनों पर वेंडर लगाने का काम करता था । उसकी शिकायत पर सीबीआई ने 1 मार्च 2014 को आरपीएफ के इंस्पेक्टर जफरुल हसन को आठ हजार  की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था । वह यह रिश्वत अतुल मिश्रा से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म पर अवैध रूप से वेंडर का कार्य  कराने की  एवज में मांग रहा था । सीबीआई ने मौके  आठ  हजार  के नोट मौके से बरामद किये थे । मामले की सुनवाई सीबीआई की विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में चल रही थी ।  शुक्रवार को अपराह्न अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुनाया  ।
अदालत ने कमरुल हसन को भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा (7) व (13)में दोषी करार दिया  ।  अदालत ने आरोपी इंस्पेक्टर को  सात साल के कारावास व 30 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई  । सीबीआई की ओर से वरिष्ठ लोक अभियोजक बीके सिंह ने पैरवी की  ।