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भोपाल में मिला कैश व 52 किलो सोना: जंगल में लाावरिस कार में मिलें 10 करोड़

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते तीन दिन से अगल-अलग कारोबारियों के यहां लोकायुक्त और आयकर विभाग के छापे के बाद अब यहां मेंडोरी के जंगल में एक गाड़ी में 52 किलो सोना बरामद हुआ। इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये नकद भी मिले हैं। सोने की कीमत 40 करोड़ 47 लाख रुपये आंकी गई है। गुरुवार की दरमियानी रात दो बजे 30 गाड़ियों में पहुंची आयकर विभाग और पुलिस की टीम ने वाहन को पकड़ा है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये सोना और नकद राशि किसकी है। जिस कार इनोवा क्रिस्टा में यह सोना और नकदी मिली है, वह ग्वालियर की है और चंदन गौर के नाम से रजिस्टर्ड है। चंदन गौर का जुड़ाव पूर्व परिवहन के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से बताया जा रहा है।

दरअसल, सौरभ शर्मा के कार्यालय और आवास पर गुरुवार को लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा था। पुलिस को दोनों जगह से दो करोड़ 85 लाख रुपय़े नकद, 50 लाख रुपये के गहने और दो करोड़ रुपये की अन्य संपत्ति की जानकारी मिली थी। सौरभ शर्मा एक पूर्व मंत्री सहित कई अधिकारियों और नेताओं के करीबी बताए जाते हैं।

आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, एक खुफिया जानकारी मिली थी कि जंगल में एक कार खड़ी है, जिसमें भारी मात्रा में पैसे रखे हैं। इसके बाद आयकर विभाग की टीम गुरुवार की रात करीब दो बजे मेंडोरी के जंगल में पहुंची, जहां इनोवा कार के पास पहले से करीब 100 पुलिसकर्मी और 30 गाड़ियां थीं। संभवत: पुलिस को भी इसके बारे में सूचना मिली होगी। कार पूरी तरह से लॉक थी। ऐसे में आयकर विभाग की टीम ने साथ पहुंचे गनमैन की गन के बट से कार का कांच तोड़ा और गेट खोलकर बैग निकाले गए। इन बैग में भारी मात्रा में नकदी और सोना मिला।

आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि मेंडोरी में लावारिस हालत में जो इनोवा कार मिली है, वह चेतन गौर की है। चेतन लोकायुक्त पुलिस के छापे की जद में आए सौरभ शर्मा का दोस्त है। जब आयकर विभाग के अफसरों ने चेतन गौर से इस मामले में पूछताछ की तो उसने कहा कि सोना और पैसा कहां से आया और किसका है, इसकी उसे जानकारी नहीं है। उसने यह जरूर माना कि वह आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का दोस्त है। टीम अब इस आधार पर आगे की जांच करेगी।

घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब आयकर अधिकारियों की टीम मेंडोरी पहुंची तो वहां पहले से मौजूद पुलिस को देखकर सभी कुछ देर के लिए सहम गए। सभी को आशंका थी कि कोई ट्रेप कराने की साजिश तो नहीं है। कुछ अफसरों ने साहस कर पुलिस कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि वे भी अज्ञात सूचना पर यहां आए हैं। इसके बाद आयकर टीम के साथ गए केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों और स्थानीय पुलिस कर्मियों की मदद से कार को कब्जे में लेकर कार्रवाई की गई। अब तक हुई कार्रवाई में आयकर विभाग के महानिदेशक सतीश कुमार गोयल, डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन अमरेश सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर आदेश राय, सागर श्रीवास्तव समेत अन्य अफसरों की टीम ने बड़ी भूमिका निभाई है।

आयकर विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम अब यह पता कर रही है कि यह सोना किसका है और कहां ले जाया जा रहा था? अभी तक इसका सीधा कनेक्शन किसी से नहीं जुड़ा है। अभी इस सोने और कैश पर किसी ने अपना दावा नहीं किया है। माना जा रहा है कि यह कार किसी आरटीओ अफसर के यहां अटैच रही होगी। कार के ऊपर हूटर लगा हुआ था, नंबर प्लेट के पास पुलिस का निशान बना हुआ था। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि कोई इस वाहन को न रोके, इसलिए इस पर यह सब चीजें लगाई गईं थीं। छापे की आशंका के मद्देनजर ही उसे छिपाकर सुनसान स्थान में खड़ा किया गया होगा।

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