पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में खलबली मची हुई है. जानकारी के मुताबिक अनुसूचित आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई है. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने SC आयोग की टीम के पश्चिम बंगाल के दौरे से वापस आने के बाद यह सिफारिश की है.
क्या है मामला ?
नॉर्थ 24 परगना जिले के बशीरहाट सब-डिवीजन में स्थित संदेशखाली में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के नेताओं द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया. महिलाओं ने दावा किया है कि शेख शाहजहां और उसके “गिरोह” ने क्षेत्र में उनका यौन उत्पीड़न करने के अलावा, जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया. इसके अलावा कई लोगों का ये भी कहना था कि गांव में पुरुषों को पार्टी की बैठकों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था और अगर कोई इससे इनकार करता था, तो उनकी पत्नियों को धमकी दी जाती थी. संदेशखाली गांव की कई महिलाओं ने टीएमसी के नेताओं पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. महिलाओं ने दावा किया है कि शेख शाहजहां और उसके “गिरोह” ने क्षेत्र में उनका यौन उत्पीड़न करने के अलावा, जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया.
जिसके बाद आज संदेशखाली जा रही बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम को बंगाल पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए रोक दिया. जिसके बाद बीजेपी नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच कहासुनी भी हुई. बीजेपी नेताओं ने कहा कि यहाँ कि पुलिस टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रही है और सरकार गुंडों को बचाने में लगी हुई है. BJP नेताओं का ये भी आरोप है कि संदेशखाली में.बड़े पैमाने पर अत्याचार हुआ है, और पुलिस ने आज यहाँ उन्हें रोककर ये साबित भी कर दिया .