रूस ने ली अमेरिका की फिरकी: कहा- सुखोई-27 लड़ाकू विमान ने अमेरिका के विमान को खदेड़ा

मॉस्क।  रूस के लड़ाकू विमान सुखोई -27 ने बाल्टिक सागर में उसके हवाई क्षेत्र में आए एक अमेरिकी वायु सेना के विमान का पीछा किया और उसे अपने क्षेत्र में लौटने पर मजबूर किया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।  रक्षा मंत्रालय ने कहा, “हवाई रक्षा ड्यूटी पर तैनात सुखोई -27 लड़ाकू विमान ने हमारे हवाई क्षेत्र में आए अमेरिका के आरसी-135 विमान का पीछा किया और सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को हासिल किया।”
रक्षा मंत्रालय ने कहा, “रूस का लड़ाकू विमान विदेशी विमान को अपनी सीमा से बाहर खदेड़ने के बाद सुरक्षित वापस लौट आया।

रूस ने अमेरिका के साथ हुआ आइएनएफ हथियार समझौता किया निलंबित

 रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को शीत युद्धकाल में अमेरिका के साथ हुए हथियार समझौते से पैर पीछे खींच लिए। उन्होंने आइएनएफ समझौते में रूसी भागीदारी को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया। अमेरिका पहले ही रूस पर समझौते के विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगाकर साझेदारी से बाहर निकल चुका है। इस प्रकार से दुनिया को शीत युद्धकाल से बाहर लाने वाला दो महाशक्तियों के बीच का आइएनएफ हथियार समझौता अब बेमानी हो गया है। राष्ट्रपति पुतिन के क्रेमलिन कार्यालय के अनुसार समझौते को निलंबित करने के प्रपत्र पर दस्तखत हो गए हैं।

रूस ने अमेरिका के साथ हुआ आइएनएफ हथियार समझौता किया निलंबित

कहा गया है कि अमेरिका ने समझौते के तहत अपनी जिम्मेदारी को नहीं माना, इसलिए इस समझौते का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है। इससे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर ऐसा ही आरोप लगाया था। 1987 में हुए इस समझौते के तहत मध्यम दूरी की परमाणु मिसाइलों की संख्या को सीमित करने पर अमेरिका और सोवियत संघ में सहमति बनी थी। ये मिसाइल 5,500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली थीं। जिस समय यह समझौता हुआ था, उस समय चीन सैन्य ताकत नहीं बना था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। चीन लंबी दूरी की और भारत मध्यम दूरी की परमाणु हथियार युक्त बैलेस्टिक मिसाइल बनाने और दागने में सक्षम है। ऐसे में माना जा रहा था कि आइएनएफ समझौता अब बेमानी हो गया है। समझौता खत्म होने के बाद दुनिया में अब हथियारों की प्रतिद्वंद्विता फिर से तेज होने की आशंका है।

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