Russia-Ukraine War: युद्ध का 6वां दिन, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

रूस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में जमीन पर सबसे बड़ी लड़ाई छेड़ रखी है लेकिन अब उसे अप्रत्याशित कड़े विरोध से जूझना पड़ रहा है. वहीं, रूस ने UNGA में जोर दिया कि उसने शत्रुता की शुरुआत नहीं की और वह युद्ध को समाप्त करना चाहता है. वहीं, कीव ने संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया कि मॉस्को उसके खिलाफ जारी आक्रामकता को रोके. बता दें कि आज युद्ध का 6वां दिन है और दोनों देशों के बीच जंग जारी है (Ukraine-Russia War).

कीव: परमाणु खतरे की आशंका के बीच रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब अपने छठे दिन में प्रवेश कर चुकी है. जानकारी के मुताबिक रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर बमबारी कर रही है. खारकीव में भी हालात काफी खराब हो चुके हैं. वहां जीने के लिए संघर्ष जारी है. वहीं, रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते बढ़ते संकट के बीच सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के विशेष आपातकालीन सत्र के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा.सोमवार को कीव में तनावपूर्ण शांति रही एवं पूर्वी यूक्रेन के शहरों में धमाकों एवं गोलीबारी सुनाई दी है जिसकी दहशत से यूक्रेनी परिवार आश्रयों व बेसमेंट में सिमटे हुए हैं. यूक्रेन के सैनिकों के पास हथियारों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन दृढ़ इरादों से लबरेज इन सैनिकों ने फिलहाल, राजधानी कीव और अन्य प्रमुख शहरों में रूसी सैनिकों के हमलों की रफ्तार थाम ली है.

वहीं यूक्रेनी सैनिकों से मिल रहे कड़े प्रतिरोध और विनाशकारी प्रतिबंधों से तिलमिलाए रूसी राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन(Vladimir Putin) ने रूस के परमाणु बलों को हाईअलर्ट पर रहने का आदेश दिया है.एक तरफ कीव ने संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया कि मॉस्को उसके खिलाफ जारी आक्रामकता को रोके, तो दूसरी तरफ, रूस ने जोर दिया कि उसने शत्रुता की शुरुआत नहीं की और वह युद्ध को समाप्त करना चाहता है.यूएनजीए के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने सोमवार को 193 सदस्यीय निकाय के यूक्रेन पर आपातकालीन विशेष सत्र की अध्यक्षता की.संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र (76th session of the United Nations General Assembly) के दौरान यूक्रेन के दूत सर्गेई किस्लिट्सिया ने रूसी भाषा में अपना बयान पढ़ा. उन्होंने कहा कि महासभा को वैश्विक सुरक्षा पर मंडराते खतरे के मद्देनजर यह आपातकालीन सत्र बुलाना पड़ा. सर्गेई ने कहा कि महासभा को स्पष्ट तौर पर रूस को अपनी आक्रामकता को रोकने की मांग को लेकर आवाज बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रूस को बिना किसी शर्त तत्काल यूक्रेनी क्षेत्रों से अपनी सेना को हटाना चाहिए. सर्गेई ने कहा, ‘अगर यूक्रेन नहीं बचता, तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा. इसे लेकर कोई भ्रम नहीं रहे… अब हम यूक्रेन को बचा सकते हैं, संयुक्त राष्ट्र और लोकतंत्र को बचा सकते हैं. 

वहीं, संयुक्त राष्ट्र में रूसी दूत वसीली नेबेंजिया ने यूक्रेनी दूत के बाद अपने संबोधन में कहा कि ‘मौजूदा संकट की जड़’ यूक्रेन द्वारा किए गए कार्यों में ही निहित है. नेबेंजिया ने कहा, ‘ मैं यह बताना चाहता हूं कि रूस ने शत्रुता की शुरुआत नहीं की थी। यूक्रेन द्वारा अपने ही निवासियों, डोनबास के निवासियों और उन सभी लोगों के खिलाफ शत्रुता शुरू की गई, जो असंतुष्ट हैं. रूस इस युद्ध को खत्म करना चाहता है.

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