नई दिल्ली । बसपा प्रमुख मायावती ने जब पैसे के तथाकथित हेराफेरी को लेकर अपने अति विश्वासपात्र नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाला तो वह कांग्रेस में चले गये । मायावती ने इसका बदला लेने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद को बसपा के टिकट पर फर्रुखाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों का कहना है कि सलमान खुर्शीद भी कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी की अनदेखी से नाराज चल रहे हैं। उनको लगता है कि अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल व मध्य प्रदेश के विवेक तन्खा जैसों को तरजीह दी जा रही है, उनको नहीं। इसका फायदा उठाकर मायावती उनको अपने यहां लाना चाहती हैं ताकि वह उनके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में केस भी देख सकें।
क्योंकि मायावती मूर्ति घोटाला, ताज कारिडोर मामले, आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सीबीआई व ईडी की पूछताछ व नोटिस से परेशान हैं। सो वह सलमान खुर्शीद को बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए राजी करने हेतु अपने विश्वासपात्र सतीश चन्द्र मिश्रा से लगायत अन्य नेताओं के मार्फत हर तरह से कोशिश कर रही हैं। उनके “हां” कहने का भी इंतजार कर रही हैं। लेकिन पार्टी आलाकमान से असहजता के बावजूद खुर्शीद हिचक रहे हैं, क्योंकि उनका भविष्य कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी में ही दिख रहा है। इस बारे में पूर्व सांसद हरिकेश बहादुर का कहना है कि लोकसभा या विधानसभा चुनावों के पहले यह सब होता रहता है ।
इसके पीछे कई कारण होते हैं, जिसको लगता है कि उसको कहीं और जाने से फायदा होगा तो वह चला जाता है । साथ ही ऐसा हर पार्टी में होता है।