उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अयोध्या जनपद के रुदौली बीकापुर और मिल्कीपुर सीट पर प्रत्याशियों का उठापटक जारी है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी इन सीटों पर प्रत्याशियों के रुख को तैयार नहीं कर पा रहे हैं। जिसके कारण इन सीटों पर समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। तो वही इस उठापटक के दौर में पूरा फायदा भारतीय जनता पार्टी को ही होगा।
रुदौली विधानसभा सीट पर नहीं बन पा रही समीकरण
अयोध्या जनपद के रुदौली विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री रहे आनंद सेन को टिकट दिए जाने की घोषणा के बाद रुश्दी मियां सपा से नाराज होने के साथ अपने समर्थकों के साथ बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा है। और अब उसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। तो वही बहुजन समाज पार्टी से इस सीट को लेकर चौधरी शहरयार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। लेकिन पार्टी अभी किसके साथ है यह तय नहीं हो सका है। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जल्दी क्लोरोफिकेशन जारी करेंगी।
बीकापुर विधानसभा में भी बिगड़ी सपा की रणनीति
वही बीकापुर विधानसभा क्षेत्र को लेकर समाजवादी पार्टी ने अब बलराम मौर्या को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा के बाद अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है तो वही अब समाजवादी पार्टी को लेकर हाजी फिरोज खान गब्बर ने भी अपना नामांकन पत्र भरा है। जिसके कारण बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी की रणनीति बिगड़ती दिखाई दे रही है दोनों प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ मैदान में हैं लेकिन समाजवादी पार्टी अभी किस के समर्थन में खड़ी है को लेकर जल्द ही घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे।
अयोध्या के इन सीटों आमने सामने सपा भाजपा
गोसाईगंज व मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी और भाजपा आमने सामने दिखाई दे रही है। दोनों पार्टी अपने घोषणापत्र को लेकर मतदाताओं को रिझाने का कार्य कर रहे हैं। अयोध्या सीट पर एक बार फिर राम की लहर पर भाजपा कार्य कर रही है। समाजवादी पार्टी ज अपने दावों पर लोगों का समर्थन जुटाने में लगी हुई है। वही गोसाईगंज विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी व समाजवादी पार्टी से अभय सिंह अपने दमखम के साथ मैदान में हैं। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर गोरखनाथ बाबा को भाजपा ने दूसरी बार अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अवधेश सिंह अपने दांव खेल रहे हैं।