उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद विवाद अब सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले चुुका है। रविवार को जामा मस्जिद पर हुई हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। उपद्रवियों द्वारा की गई आगजनी व पथराव में 22 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस अब तक 2500 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर चुकी है। जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।
रविवार को संभल जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस ने 21 लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें दो महिलाएं भी हैं। संभल में लगातार बढ़ रहे तनाव के चलते जिले में इंटरनेट सेवाएं 24 घंटे के लिए रोक दी गई हैं। इसके साथ ही स्कूल और कॉलेजों को 30 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। जिले भर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
बता दें कि संभल हिंसा में मारे गए चार लोगों की पहचान नौमान, बिलाल, नईम और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई है। इनमें दो लोगों की मौत पुलिस की गोली लगने से नहीं बल्कि देसी पिस्तौल की गोली लगने से हुई है। बाकी अन्य दो मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि विवेचना में जो बात आयेगी, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बर्क द्वारा पूर्व में दिये गये भड़काऊ बयान पर उन्हें नोटिस दिया गया था। उनके पिता ममलूकुर रहमान का 10 लाख का मुचलका भरवाया गया था। विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने संभल हिंसा मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज किये हैं( अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।