शंघाई सहयोग संगठन या एससीओ के शिखर सम्मेलन में शिरकत करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और उन्हें एक अनौपचारिक शिखर बैठक का निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडलस्तर की बैठक की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चीन से कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध तब तक नहीं सुधरेंगे, जब तक कि यह (पाकिस्तान) आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता। मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज हुई बातचीत में भारत-पाकिस्तान के संबंधों के बारे में भी चर्चा हुई। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शंघाई सहयोग परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के लिए किर्गिज़ राजधानी पहुंचे। जहा एक रेस्टोरेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान डिनर की टेबल पर एक साथ बैठे। इस दौरान दोनों नेताओं को बीच दुआ सलाम तक नहीं हुई।
सूत्रों ने बताया की पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ PM मोदी ने देखा भी नहीं बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान तमाम राष्ट्राध्यक्षों के साथ मुलाकात की, लेकिन पाकिस्तान के वजीर-ए-आलम इमरान खान की तरफ उन्होंने देखा तक नहीं। दोनों नेता गाला कल्चरल नाइट प्रोग्राम के बाद एक दूसरे के आसपास थे, लेकिन दोनों के बीच किसी भी तरह की कोई बात नहीं हुई। हॉल में पीएम मोदी आगे-आगे चल रहे थे और इमरान खान उनके पीछे, लेकिन पीएम मोदी ने उन्हे नजरअंदाज करते हुए अन्य राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। बता दें कि जिस तरह से पुलवामा और बालाकोट में आतंकी हमले हुए थे, उसके बाद से दोनों ही देशों के बीच रिश्तों में काफी कड़वाहट आ गई है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया कि दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक संचार में सुधार हुआ है। भारत में बैंक ऑफ चाइना की शाखा खुलना और लंबे समय से लंबित पड़े मसूद अजहर को आतंकी सूची में शामिल करना भी इसी का नतीजा है।