हैदराबाद में भोईगुड़ा में कबाड़ की दुकान में आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई। हादसे के वक्त गोदाम में 12 लोग मौजूद थे। इनमें से केवल एक ही बच सका। मौके पर पहुंची डीआरएफ की टीम ने आग बुझाई। लेकिन तब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी थी। आग लगने का कारण शॉक सर्किट बताया जा रहा है। घटना सुबह करीब चार बजे हुई, जिस वक्त सभी मजदूर सो रहे थे। गांधी नगर एसएचओ मोहन राव ने बताया कि हम मामले की जांच कर रहे हैं।
कूदकर बचाई गई जान
फायर ब्रिग्रेड के पास सुबह 3.55 बजे फोन आया। दमकल की आठ गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। लेकिन आग पर काबू पाने में 3 घंटे लग गए। फायर ब्रिगेड कर्मियों के मुताबिक मजदूर खुद को इसलिए नहीं बचा सके क्योंकि केवल गोदाम में केवल एक घुमावदार सीढ़ी थी, उनमें से केवल एक ही व्यक्ति कमरे से बाहर कूदकर भागने में कामयाब रहा।
लाशों की पहचान में मदद करेगा DNA
फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया कि आग कबाड़ के गोदाम से शुरू हुई और ऊपर के कमरे में फैल गई। लाशों की हालत देखकर लग रहा है कि मजदूरों ने भागने की कोशिश की, लेकिन घने धुएं में सांस लेने के कारण वे बेहोश हो गए। यह दिल दहला देने वाला दृश्य था, क्योंकि लाशों की पहचान नहीं हो पा रही थी। वे एक के ऊपर एक ढेर में थे।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि मरने वालों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा।
मृतक परिजों को 5-5 लाख के मुआवजे की घोषणा
हैदराबाद जिला कलेक्टर एल शरमन के मुताबिक मरने वाले सभी मजदूर बाहरी थे। वहीं तेलंगाना के CM केसी राव ने सिकंदराबाद के भोईगुड़ा में आग लगने से बिहार के श्रमिकों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही मारे गए श्रमिकों के शवों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।