देहरादून । उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के रेस्कयू दल ने कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के कारण कोटा में फंसे सैकड़ों छात्रों को सुरक्षित लाने के अभियान को बखूबी अंजाम दिया। इनमें कुमाऊं मंडल के 268 और गढ़वाल मंडल के 168 विद्यार्थी थे।
एसडीआरएफ के सेनानायक तृप्ति भट्ट के दिशा-निर्देशन में 19 अप्रैल को शुरू हुए इस अभियान के आरम्भ में 39 एसडीआरएफ जवानों का एक दल सब-इंस्पेक्टर विपिन बिष्ट के हमराह देहरादून से आगरा के लिए रवाना हुआ। यात्रा हेतु उत्तराखंड परिवहन की दो बसों की सहायता ली गई। प्रशासनिक कारणों से कोटा से आने वाले छात्रों की बसों का स्टेजिंग एरिया आगरा के स्थान पर मथुरा बनाया गया, जहां एसडीआरएफ की टीमें 19 अप्रैल को अपराह्न करीब 3.30 बजे पहुंचीं। सब इंस्पेक्टर विपिन बिष्ट ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर आवश्यक दिशा- निर्देश प्राप्त किये और रात्रि को छात्रों का कोटा से मथुरा पहुंचने का सिलसिला आरम्भ हुआ।
अगले दिन 20 अप्रैल की सुबह 5 बजे पहली बस ने मथुरा से हल्द्वानी एवं अंतिम बस ने 2 बजे ऋषिकेश के लिए प्रस्थान किया। कुल 411 छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड लाया गया।
इनमें 262 को हल्द्वानी एवं 149 छात्र-छात्राओं को ऋषिकेश लाया गया। कोटा से उत्तराखण्ड आये सभी छात्र-छात्राओं को क्वारंटाइन किया गया है। साथ ही अभियान में सम्मिलित हुए सभी एसडीआरएफ कर्मियों को भी हल्द्वानी और ग्राफिक एरा देहरादून में क्वारंटाइन किया गया है। कोटा से लाए गए कुमाऊं मंडल के छात्र-छात्राओं में जिला अल्मोड़ा के 14, बागेश्वर 03, चम्पावत 19, पिथौरागढ़ 31, नैनीताल 50 और उधमसिंह नगर के 145 विद्यार्थी हैं। गढ़वाल मंडल के जनपद पौड़ी के 19, टिहरी के 5, चमोली के 7, उत्तरकाशी के 6, रुद्रप्रयाग के 3, हरिद्वार के 66 और देहरादून के 42 विद्यार्थी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल/बच्चन
स्टेजिंग एरिया में ही सभी छात्र-छात्राओं का चिकित्सीय परीक्षण किया गया। साथ ही कुमाऊँ और गढ़वाल के छात्र-छात्राओं हेतु अलग-अलग बसों की व्यवस्था कर परिस्थिति अनुकूल सोशल डिस्टेंस के अनुरूप बिठाया गया। बस में बिठाने से पूर्व सभी को मास्क वितरण किये गए एवं सेनेटाइज किया गया। प्रत्येक वाहन हेतु एक फर्स्ट एड बॉक्स एवं आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने हेतु एक पेरामेडिक्स को भी टीम में रखा गया था।