आतंकियों के सफेदपोश माड्यूल की तलाश : शाहीन ने शहर की मुस्लिम बस्तियों में खड़ा किया था जबरदस्त नेटवर्क….

कानपुर के साथ फतेहपुर और उन्नाव में शाहीन का संबंध
सफेदपोश माड्यूल की तलाश में जुटीं खुफिया एजेंसियां
जल्द ही कुछेक लोगों से पुलिस करेगी सख्त पूछताछ

कानपुर। किसी वक्त जीएसवीएम मेडिकल कालेज में बतौर लेक्चरर तैनात डॉ. शाहीन की शोहरत कम बोलने वाली संकोची महिला के रूप में थी, लेकिन शौहर और मेडिकल कालेज से नाता तोड़ने के बाद आतंकी हरकत का हिस्सा बनने के बाद मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्त घुसपैठ बनाई थी। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि, जीएसवीएम की नौकरी छोड़ने से पहले शाहीन के इरादे खतरनाक हो चुके थे। इसी नाते आतंकियों की महिला ब्रिगेड बनाने की खातिर कानपुर के अलावा फतेहपुर और उन्नाव की मुस्लिम बस्तियों में आना-जाना शुरू कर दिया था। खुफिया तंत्र में चर्चा है कि, शाहीन ने वर्ष 2006 से 2013 तक मेडिकल कालेज में नौकरी की आड़ में तमाम मुस्लिम इलाकों में बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया था। खुफिया इनपुट के आधार पर कमिश्नरेट पुलिस ने शाहीन का नेटवर्क खंगालना शुरू कर दिया है। मुमकिन है कि, जल्द ही कुछेक लोगों को हिरासत में लेकर सख्त पूछताछ होगी।

फतेहपुर की बहू ने ससुराल में बनाया नेटवर्क
कानपुर में नौकरी के दरमियान शाहीन के शौहर डॉ. जफर मूलरूप से फतेहपुर के निवासी हैं। ऐसे में शाहीन ने ससुराल की मुस्लिम बस्तियों में खुद को बहू के रूप में स्थापित करते हुए भावनात्मक रिश्ता बनाया, फिर धीरे-धीरे महिलाओं का ब्रेन वॉश करते हुए नेटवर्क मजबूत करने के मिशन में जुट गई थी। कानपुर के मुस्लिम इलाकों में शाहीन का तमाम परिवारों में आना-जाना था। मेडिकल कालेज में मौन जिंदगी गुजारने वाली शाहीन ने बेकनगंज, चमनगंज, नई सड़क, इफ्तिखाराबाद, यतीमखाना, तलाक महल, दादामियां, सुजातगंज और जाजमऊ में तमाम परिवारों में मुकम्मल रिश्ते बनाए थे। शाहीन से संपर्क रखने वाले परिवारों के बारे में पुलिस व खुफिया एजेंसियों को भनक लग चुकी है। कयास है कि, कुछेक ठोस जानकारी के बाद शाहीन के निकटवर्ती लोगों को हिरासत में लेकर सख्ती के साथ पूछताछ होगी। अलबत्ता यह तय नहीं है कि, शाहीन ने मुस्लिम इलाकों के करीबियों का इस्तेमाल किसी आतंकी हरकत में किया है अथवा नहीं।

आतंकियों के सफेदपोश माड्यूल की खोज
डॉ. शाहीन की दिल्ली धमाके में संलिप्तता और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर के रूप में शिनाख्त होने के बाद आतंकियों के सफेदपोश माड्यूल की खोज में पुलिस और खुफिया जुट गई है। गौरतलब है कि, मेडिकल कालेज में नौकरी छोड़ने के बाद डॉ. शाहीन गिरफ्तार हुई तो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की चीफ निकली। शाहीन जैश के जमात उल मोमिनात संगठन से भी जुड़ी हुई थी। उसे भारत में आतंकियों की महिला विंग बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। खबर है कि, शाहीन ने पढ़े-लिखे तबके को अपने नेटवर्क में शामिल किया है। ऐसे में राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों को अंदेशा है कि, कानपुर समेत तमाम शहरों में बड़े पैमाने पर डाक्टर्स, इंजीनियर, सीए और पेशेवर हुनरमंद भी आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल की तरह सफेदपोश माड्यूल का हिस्सा हैं। शुरुआती जांच में पुलिस व एजेंसियों को शाहीन के लखनऊ, फतेहपुर, फरीदाबाद, पंजाब के कुछ जिलों, कश्मीर व कोलकाता से भी तार जुड़े होने की जानकारी मिली है। एजेंसियां तमाम सूचनाओं को एक-दूसरे के साथ साझा करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के प्रयास में जुटी हैं।

पहले भी मिले हैं शहर में स्लीपिंग माड्यूल
शहर में पहले भी सिमी, खुरासान माडयूल, जैश मोहम्मद के कई संदिग्धों को पकड़ा गया था। ऐसे में दिल्ली ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार शाहीन के कानपुर कनेक्शन के खुलासे के बाद खुफिया एजेंसियां पूर्व में सिमी से जुड़े लोगों की जड़े तलाशने में जुटी है। गौरतलब है कि, जाजमऊ में खुरासान मॉड्यूल के स्लीपर सेल का सदस्य गौस मोहम्मद भी शाहीन की तरह बेहद शांति के साथ नवयुवकों को आतंक की राह पर ढकेल रहा था। खुफिया एजेंसियां सच खोजने में जुटी हैं कि, क्या शाहीन ने भी शहर के सफेदपोशों और मुस्लिम महिलाओं को आतंक के रास्ते में बतौर सहयोगी बनाने के लिए ब्रेन वॉश करने में जुटी थी।

आयुध निर्माणियों के साथ ही प्रौद्योगिकी संस्थान, एयरपोर्ट और गैस प्लांट सरीखे अहम संस्थानों और औद्योगिक घरानों की वजह से कानपुर काफी संवेदनशील है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक शहर में पाकिस्तानी एजेंट, स्लीपिंग मॉड्यूल्स की गतिविधियों और टेरर फंडिंग के पुख्ता सुबूत के बाद एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) टीम की गतिविधियां बढ़ गई हैं। सात मार्च 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास हुए विस्फोट का मास्टर माइंड गौस मोहम्मद, मो. दानिश व आतिफ जाजमऊ के रहने वाले हैं। मुठभेड़ में मारा गया सैफुल्लाह भी इसी इलाके का था। इनके साथियों में सैयद मीर हुसैन कन्नौज का है और शहीन भी कन्नौज में तैनात रही थी।

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