लखनऊ : यूपी के विधान परिषद के सभापतिरमेश यादव की दूसरी पत्नी मीरा यादव को अपने बेटे अभिजीत यादव उर्फ विवेक की हत्या के मामले में एक नया खुलासा सामने आया है. बताते चले विवेक की हत्या में मां मीरा यादव के साथ नौकर सर्वेश विश्वकर्मा भी शामिल था। पुलिस ने बताया पहले दोनों ने विवेक को मारा पीटा और फिर गमछे से गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वारदात छिपाने की कोशिश भी की।
20 अक्तूबर को हुई घटना के दूसरे दिन पुलिस ने मीरा को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा किया था। विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर हजरतगंज ने सोमवार को हत्यारोपी नौकर को गिरफ्तार कर जेल भेजा। उसने सभापति की पत्नी के साथ मिलकर हत्या करने की बात कुबूली है।
मूलरूप से एटा निवासी रमेश यादव की दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी से बेटा आशीष यादव है, जो एटा से विधायक रह चुका है। दूसरी पत्नी मीरा के दो बेटे अभिजीत और अभिषेक हैं। रमेश यादव ने मीरा व उनके बेटों के लिए दारूलशफा में बी-ब्लॉक के 137 नंबर का सरकारी आवास आवंटित कराया था।
नशे में घर पहुंचकर किया था हंगामा
क्षेत्राधिकारी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक वारदात की रात करीब 11.30 बजे अभिजीत शराब के नशे में घर पहुंचा और हंगामा करने दिया। मां मीरा ने विरोध किया तो वह हमलावर हो गया। इस पर मीरा ने उसे धकेल दिया, जिससे वह दीवार से टकरा गया। इसके बाद मीरा ने उस पर हमला बोल दिया। उसने अभिजीत को पीटने के लिए नौकर सर्वेश को भी बुला लिया। दोनों ने पीटने के बाद गमछे से गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद अभिजीत का शव बिस्तर पर डाल दिया।
सीने में दर्द से बेटे की मौत की रची कहानी
छोटे बेटे अभिजीत की मौत के बाद मां मीरा और नौकर ने वारदात छिपाने के लिए कहानी तैयार की। इसकी पटकथा मीरा ने लिखी। उसने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया कि रात में अभिजीत घर पहुंचा तो सीने और सिर में दर्द की बात कही। इसके बाद उसने बेटे के सिर और सीने पर बाम लगाया। अभिजीत ने आराम मिलने की बात कही तो वह अपने कमरे में सोने चली गई। सुबह देखा तो अभिजीत बेड पर मृत पड़ा था। उसने इसकी सूचना बड़े बेटे अभिषेक को दी। उसने सौतेले भाई व पूर्व विधायक आशीष यादव को इसकी जानकारी दी।
आनन-फानन अंतिम संस्कार कराने की थी योजना
बेटे की हत्या के बाद मीरा ने वारदात छिपाने के पूरे प्रयास किए। इसके तहत उसने आनन-फानन शव का अंतिम संस्कार कराने की योजना बनाई थी। सुबह होते ही परिवारीजनों को सूचना दे दी। इसके बाद शव लेकर अंतिम संस्कार को निकल पड़े। इसकी जानकारी पर इंस्पेक्टर राधा रमण सिंह और चौकी प्रभारी कृष्णकांत सिंह दारूलशफा पहुंचे। शव के परीक्षण के दौरान अभिजीत के गले पर कसे का निशान मिला। परिवारीजनों ने पुलिस को अर्दब में लेकर वापस भेज दिया।
इसके बाद सीओ हजरतगंज अभय मिश्रा पहुंचे, तब तक शव दूसरी मंजिल से नीचे आ चुका था। इसी बीच एसएसपी कलानिधि नैथानी भी पहुंच गए। अधिकारियों के सामने से ही परिवारिजन शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़े। इस पर एसएसपी ने तत्काल शव यात्रा रुकवाकर शव पोस्टमार्टम को भेजवाया था।
बेटे की हरकतों से तंग थी मां मीरा
नौकर सर्वेश विश्वकर्मा के मुताबिक अभिजीत की हरकतों से मीरा तंग थी। उसने बेटे को मारने की साजिश काफी पहले रच ली थी। उस दिन अभिजीत ने शराब के नशे में जो हरकतें कीं, उससे वह काफी नाराज थी। इसी गुस्से में मीरा ने उसे मारना शुरू कर दिया। मीरा के कहने पर वह भी वारदात में शामिल हुआ और अभिजीत की हत्या कर दी। हत्या के बाद साक्ष्य मिटाए और अपने कमरे में चली गई।
मोबाइल बंद करके फरार था नौकर
पुलिस ने घटना का खुलासा तो कर दिया था, लेकिन एक बात पुलिस को भी खटक रही थी कि 50 वर्षीय मीरा ने 23 साल के बेटे को अकेले कैसे मार दिया। एएसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा ने बताया कि इस बिंदु पर काम करते हुए मीरा के बड़े बेटे अभिषेक यादव, उसके दोस्तों व अन्य करीबियों से पूछताछ जारी रखी।
पता चला कि दारुलशफा के फ्लैट नंबर-137 में मीरा व अभिजीत के अलावा उनका नौकर सर्वेश विश्वकर्मा भी रहता था। पुलिस ने जब सर्वेश के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला कि वह घटना वाले दिन से ही गायब है। उसने मोबाइल भी बंद कर लिया था।
सोमवार सुबह उसकी लोकेशन 1090 चौराहे पर मिली, इसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में सर्वेश ने पूरी सच्चाई बयां कर दी। पुलिस के मुताबिक, सर्वेश विश्वकर्मा बाराबंकी के जहांगीराबाद का रहने वाला है।