कोलकाता के बड़तल्ला इलाके में सात महीने की एक मासूम बच्ची के साथ दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। 30 नवंबर को उस वक्त बच्ची का अपहरण कर लिया गया, जब वह अपने माता-पिता के साथ फुटपाथ पर सो रही थी। फिर उसके साथ बलात्कार किया गया। बच्ची को गंभीर हालत में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के शिशु आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने इस मामले में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अब तक कई संदिग्धों से पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। बच्ची के शरीर पर कई चोटों के निशान और निजी अंगों पर गंभीर घाव पाए गए। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, बच्ची की हालत अब स्थिर है। उन्होंने बताया कि खून बहना बंद हो गया है, और उसने खाना शुरू कर दिया है। डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम उसकी देखभाल कर रही है।
घटना के दिन, 30 नवंबर को दोपहर करीब 1:45 बजे, एक स्थानीय निवासी ने बच्ची को अपने घर के सामने फुटपाथ पर अकेले रोते हुए देखा। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बच्ची के माता-पिता पहले से ही उसके अपहरण की शिकायत दर्ज करा चुके थे। पुलिस ने दोनों मामलों की जांच के बाद बच्ची को उसके माता-पिता से मिलवाया और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस घटना को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ गई हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने शुक्रवार को ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ममता बनर्जी के शासन में अब सात महीने की बच्ची भी सुरक्षित नहीं है। कभी संस्कृति की राजधानी कहे जाने वाले कोलकाता में आज अपराधियों का बोलबाला है। जब पुलिस ‘कालीघाट के युवराज’ की सुरक्षा में व्यस्त है, तब महिलाएं और बच्चे असुरक्षित हैं। क्या यही सुरक्षा है, जिसकी ममता बनर्जी बात करती हैं?”
इस घटना ने राज्य में महिला और बाल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही और कानून-व्यवस्था में गिरावट के आरोप लगाए हैं। वहीं, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।