ठंड के साथ मौसम में हुए बदलाव के चलते जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में लगने वाली ओपीडी में मरीजों की संख्याओं में इजाफा देखने को मिल रहा है। इन मरीजों में अस्थमा, सिर दर्द, सांस और रक्तचाप जैसे मरीजों को सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। ऐसे में इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों को बचाव से लेकर एक स्वस्थ्य आदमी के शरीर में होने वाले बदलाव और लक्षणों से बचने के लिए मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आरके वर्मा ने कई अहम जानकारियां साझा की है।
ठंड के मौसम में हुए बदलाव के चलते दिन पर दिन तापमान में गिरावट आने की वजह से गलन भरी सर्दी में इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में इस जानलेवा सर्दी को नजरअंदाज कर खुद का ख्याल न रखने वाले लोगों को सबसे ज्यादा समस्याएं हो रही है। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) में लगने वाली ओपीडी में सबसे ज्यादा मधुमेह, रक्तचाप, सांस के मरीज, अस्थमा और ह्रदय रोग से जुड़े मरीज पहुंच रहें हैं। इसकाे लेकर मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आरके वर्मा से बात की गई।
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में हम सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि ठंड के समय इस तरह की समस्याएं बढ़ना काफी आम बात है। ऐसा इसलिए होता है क्याेंकि बाहर के मौसम में बदलाव होने के चलते हमारे शरीर में मौजूद हार्मोन्स में काफी परिवर्तन होता है। शरीर के अंदर हुए परिवर्तन के चलते हमारा शरीर बाहर के तापमान को सहन नहीं कर पाता है। जिस वजह से सबसे पहले रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होती है और शरीर में खून का थक्का जमने लगता है, जो सीधे जाकर ह्रदय को प्रभावित करता है। इस वजह से हार्ट अटैक और लकवा का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है।
इस मौसम में सांस के रोगियों को भी सांस लेने में काफी समस्या होती है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सर्दी के मौसम में सभी लोगों को अपना ध्यान रखने की आवश्यकता है। खासकर उन्हें जो पहले किसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित है और उनका इलाज चल रहा है।
आगे उन्होंने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति इन बीमारियों से ग्रसित है तो इस मौसम में उनके लिए खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में मरीज को अपने खान-पान से लेकर दिनचर्या में कई बदलाव करने होंगे। जिनमें सबसे अहम यह है कि इस मौसम में अनावश्यक घर से बाहर न निकले, जितना हो सके गर्म कपड़े पहने, यदि किसी तरह की कोई दवा चल रही हो तो इसका सेवन नियमित रूप से करते रहें, साथ ही पानी को उबालकर पिएं, खाने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ायें। चक्कर आना, पसीना छूटना, घबराहट होना या शरीर मे किसी भी तरह के होने वाले दर्द जैसी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
सुबह की सैर करने वाले मरीज हो सके तो कुछ दिन सैर न करते हुए घर में ही योगा या फिर किसी भी तरह की व्यायाम करें। क्योंकि योगा हृदय रोगी ही नहीं बल्कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे से भी बचाता है।
अंत मे उहोंने कहा कि इन सभी बीमारियों को अत्यधिक तनाव और चिंता भी न्योता देता है। इसलिए जितना हो सके तनाव मुक्त रहें जिससे ह्रदय सम्बन्धी किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो सके।