उदयपुर शहर के हिरणमगरी थाना क्षेत्र के मनवाखेड़ा में बुधवार को सीवर लाइन में उतरे चार श्रमिकों की मौत के मामले में कारणों का खुलासा हो गया है। गुरुवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आया है कि चारों श्रमिकों की मौत जहरीली गैस से दम घुटने के कारण हुई। आपको बता दें कि हादसे के बाद करंट से मौत की बात भी कही जा रही थी, इसलिए सम्बंधित कम्पनी पर मामला दर्ज करने से पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार था।
हिरणमगरी थानाधिकारी हनुवंत सिंह के अनुसार मृतक के परिजनों ने सीवर लाइन के कार्य का ठेका लेने वाली कम्पनी डीआर अग्रवाल और इसके अधीन कार्यरत कंपनी प्रोजेक्टी बिल्ड होम के अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-ए के तहत मामला दर्ज करवाया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि कम्पनी अधिकारियों ने कार्यरत कान सिंह, धर्मचंद, कैलाश और प्रहलाद को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सिवर लाइन में उतार दिया, वहां दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
सीवर लाइन का काम करने वाली गुजरात के बड़ौदा की डीआर अग्रवाल कम्पनी के प्रतिनिधि मोर्चरी में भी मौजूद नजर आए। कम्पनी की ओर से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4.5 लाख रुपये के चेक दिए जाने की सूचना है। बताया जा रहा है कि इसके बाद कम्पनी ने परिजनों से लिखित में लिया कि वे अब कम्पनी पर किसी भी प्रकार के हर्जाने का मुकदमा नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि हादसे के बाद से एक बात यह चल पड़ी थी कि श्रमिकों की मौत सीवर लाइन में करंट से हुई, जबकि वहां करंट होता तो समीप खड़े अन्य लोग भी महसूस करते। करंट लगता तो मृतक के शरीर पर काले निशान होते। स्थानीय निवासी कह रहे थे कि विषैली गैस से उनका दम घुटा है। आखिर इस बात की पुष्टि हुई। पोस्टमार्टम में बॉडी के ऑर्गन पर जहरीली गैस का असर पाया गया। बताया जा रहा है कि मैनहॉल दो महीने से बंद था और उसमें नाले का रिस कर आया करीब डेढ़ फीट गंदा पानी भरा था। 19 फीट गहराई में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। ऑक्सीजन की मात्रा कम होने और बंद मैनहॉल में भरे गंदे पानी से जहरीली गैस बन गई।