
शाहजहांपुर: क्षेत्र की जेरारहीमपुर ग्राम पंचायत को जाने वाली पीडब्ल्यूडी रोड़ की हालत इतनी खस्ताहाल है कि रोड़ खुद में रोड न रहकर किसी खेत में पानी भरा धान रुपाई वाला खेत जैसा दिख रहा है। जो हजारों की संख्या में प्रतिदिन निकलने वाले ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। क्षेत्र के लोगों का आवश्यक कार्य से भी अल्हागंज आदि के लिए आना जाना मुश्किल हो गया है।
साईकिल और बाइक सवार वाहनों का रोजाना कींचड में गिरना आम बात हो गई है। एक तरफ प्रदेश सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है तो वही जेरारहीमपुर सहित लगभग आधा दर्जन ग्रामीणों को आज भी आजादी से पूर्व जैसी स्थिति में ही रहकर जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है। क्योंकि ग्रामीणों के मुताबिक यहां के जनप्रतिनिधि केवल वोट मांगने तो आते हैं। इसके बाद किए गए वायदों को कलयुगी वायदों की तरह भूल जाते है और ग्रामीणों को उनकी ही स्थिति में छोड़ देते हैं । उन्हें बिजली सड़क सुरक्षा और शिक्षा की अव्यवस्थाओं की कोई फिक्र नहीं है। पीडब्लूडी की खराब सड़क पर कई बार ई रिक्शा पलट चुका है जिसमे कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। इसके बाबजूद
“”स्कूल आने जानें वाले छात्र छात्राओं के लिए बड़ी मुसीबत””
दर्जनों गांवों के छात्र छात्राओं का प्रतिदिन शिक्षा ग्रहण करने को लेकर पांच किलोमीटर दूर स्थित अल्हागंज जाना पड़ता है। कीचड़ भरे रास्ते से छात्र छात्राओं का कीचड़ में गिरना आम बात हो गई है। कीचड़ में गिरने से छात्र छात्राएं घर वापस चले जाते हैं जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो जाती है।
क्या बोले ग्रामीण……
जेरापुरा निवासी प्रवीण दुवे बताते हैं कि गांव से अल्हागंज जानें के लिए छात्र छात्राओं सहित खुद को निकलना मुश्किल हो गया है। आए दिन छात्र छात्राओं साहित आम जन कीचड़ में गिरते हैं। पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
वहीं अवनीश कुमार बताते हैं कि उन्हे प्रतिदिन सुबह शाम खराब रास्ते से निकलना होता है। हर दिन किसी न किसी को गिरते देखता हूं। फिर भी कोई जनप्रतिनिधि सहित प्रशासनिक अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा।
वर्जन
उक्त रोड़ को पानी के निकास न होने के कारण रोक दिया गया था अब उसे सीसी मार्ग बनाया जायेगा इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है।
मुकेश वर्मा (जेई पीडब्ल्यूडी)