शाहजहांपुर के जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कृषक उत्पादक संगठनों की जनपद स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया। बैठक में जिला प्रबंधक नाबार्ड ने कृषि आधारभूत संरचना निधि पर विस्तार से जानकारी दी। जानकारी देते हुये उन्होंने अवगत कराया कि योजना में भण्डारण गृह , वेयर हाऊस , सीड प्रोसेसिंग प्लांट , बायो पेस्टीसाईड यूनिट , मशरूम यूनिट , सेरीकल्चर यूनिट , एपिकल्चर यूनिट , रैपिनिंग चौम्बर , कोल्ड स्टोर , सर्निंग एवं ग्रेडिंग यूनिट लगाने का प्रावधान है। योजना में 3 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा एवं 03 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा लाभार्थियों द्वारा लिए गये ऋण पर आने वाले ब्याज पर अनुदान अनुमन्य है।
जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुये कहा कि इस योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाये ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना से लाभन्वित हो सके। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कृषि उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) द्वारा किये गये कार्यों की भी समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों के लिये चलाई जाने वाली योजनाओं का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना तथा आधुनिक तकनीकों की जानकारी देकर उनके उत्पादन में वृद्धि एवं उन्हे आत्म निर्भर बनाना है। उन्होने योजनाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किये जाने के निर्देश दिये और साथ ही सभी पात्रों को लाभान्वित कराये जाने हेतु भी निर्देशित किया।
वही मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह द्वारा सभी एफ.पी.ओ. के सदस्यों को बताया गया कि धान की फसल की कटाई के बाद फसल अवशेषों को न जलाये बल्कि उन्हें प्रबन्धन कर मिट्टी में मिलाकर उसकी गुणवत्ता को बढ़ाकर उत्पादन को बढ़ाये जाने का उपयोग करे। पराली को एकत्रित कर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम द्वारा पराली प्रबन्धन हेतु संयंत्र की स्थापना की गयी है। जिसके लिये हिन्दुस्तान पेट्रोलियम द्वारा सीधे कृषकों से पराली का क्रय किया जा सकता है। साथ ही यह भी जानकारी दी गयी कि फसल अवशेष प्रबन्धन कार्य हेतु मनरेगा योजना के अन्तर्गत सहायता ली जा सकती है।
बैठक में उप कृषि निदेशक ने एफ.पी.ओ. को विस्तृत कार्य प्रणाली के आधार पर कार्य करने। एफ.पी.ओ. में सदस्यों की संख्या बढ़ाने, एफपी००ओ० शक्ति पोर्टल पर पंजीकृत कराने एवं संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत व आत्मनिर्भर बनाने के लिये कृषि उद्यमिता कौशल विकसित करने पर, प्राकृतिक खेती करने व फसल अवशेष प्रबन्धन कर मृदा की गुणवत्ता व उत्पादकता में वृद्धि करने वाले तथ्यों को प्रकाशित कर जानकारी दी। उप कृषि निदेशक द्वारा अवगत कराया गया उ0प्र0 राज्य में आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजनान्तर्गत 07 विकास खण्डों जैतीपुर, जलालाबाद, कांठ, खुदागंज, खुटार, निगोही, सिंधौली में 07 एफ०पी०ओ० गठन करने की अवश्यकता है। जिस हेतु जिलाधिकारी ने स्वीकृति प्रदान करते हुये आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया।
वहीं उन्होने अवगत कराया कि कृषि उत्पादन संगठनों को बाजार से जोड़ने के लिए समय-समय पर बैठक की जाती है। इस दौरान उन्होने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी विस्तार से चर्चा करते हुये जानकारी दी। इस दौरान डी. डी. एम. नाबार्ड ने कहा कि समूहों को आपस में जोड़कर उनके कार्यों व कौशल क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। एल. डी. एम. द्वारा भी एफ.पी.ओ. को ऋण की व्यवस्था सुगम बनाकर उद्यमिता बढ़ाने पर जोर दिया गया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी महोदय, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकरी, प्रबंधक जिला अग्रणी बैंक, जिला परियोजना समन्वयक यू०पी०डास्प एवं जिला प्रबंधक नाबार्ड आदि अधिकारीगण तथा एफ०पी०ओ० के सी०ई०ओ० द्वारा प्रतिभाग किया गया।