
शाहजहांपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए शिकायती पत्र में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते बताया कि नगर निगम के जलकल विभाग में तैनात लिपिक राजेश श्रीवास्तव और महा प्रबंधक जलकल विभाग सौरभ श्रीवास्तव ने उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए फर्जीवाडा कर ब्लैकलिस्टेड डिफाल्टर ठेकेदारों को बिना किसी सही कागजात न हैसियत प्रमाण पत्र न चरित्र प्रमाण पत्र और न ही शपथ पत्र के बिना ही डिफाल्टर ठेकेदारों को पाइपलाइन डालने का ठेका दे दिया गया। जिन फर्मों को फर्जीवाड़ा करते हुए नगर निगम द्वारा विभिन्न कार्यों का ठेका दिया गया है उन फर्मों के नाम का जिक्र करते हुए शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की है।
हैसियत व चरित्र प्रमाण पत्र के बिना लिपिक और महाप्रबंधक ने किया खेल मुख्यमंत्री से की गई शिकायत
शिकायत कर्ता जगदीश प्रसाद ने नगर आयुक्त को भी एक शिकायती पत्र दिया है। नगर आयुक्त को दिये शिकायत पत्र में बताया है कि प्रमाण पत्र समाप्त हो जाने के बाद भी निविदाओं का टैकनिकल एवोल्यूशन किया गया है। इसका मतलब साफ है कि ई निविदा में पूर्ण रूप से भ्रस्टाचार किया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि यह कार्य लिपिक राजेश श्रीवास्तव और महाप्रबंधक जलकल सौरभ श्रीवास्तव के सरंक्षण में हो रहा है। आरोप है कि लिपिक और प्रबंधक मिलकर डिफाल्टर ठेकेदारों से मोटी रकम लेकर बिना कागजात उनको ठेका देने का कार्य करते हैं।
शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इसकी जाँच किसी अन्य विभाग पीडब्ल्यूडी के उच्च अधिकारी से करवाकर ठेका निरस्त कर दोषियों पर कार्यवाही की जाये। इस फर्जीवाडे के संबंध में नगर निगम के नगर आयुक्त से जब इस बारे में जानकारी की गई तो नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है हां अगर शिकायतकर्ता ने लिखित शिकायत की है तो उस शिकायती पत्र पर जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।